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बॉर्डर-गावस्कर सीरीज के लिए टीम इंडिया को मिले सचिन तेंदुलकर का साथ, बन जाएगी कंगारू सरजमीं पर बात!

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का आगाज 22 नवंबर से होने जा रहा है। सीरीज का पहला मुकाबला पर्थ में खेला जाना है। पूर्व क्रिकेटर डब्ल्यू वी रमन ने बीसीसीआई से खास अपील की है।

Edited By : Shubham Mishra | Updated: Nov 14, 2024 13:21
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Indian Test Team

Sachin Tendulkar IND vs AUS: टेस्ट क्रिकेट की सबसे बड़ी राइवलरी का आगाज 22 नवंबर से होने जा रहा है। भारत और ऑस्ट्रेलिया पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में एक-दूसरे से भिड़ने को तैयार हैं। न्यूजीलैंड के खिलाफ घर में मिली शर्मनाक हार से भारतीय टीम का मनोबल गिरा हुआ है। खासतौर पर इंडियन बैटर्स की हालत बेहद खस्ता है। रोहित शर्मा और विराट कोहली रनों के लिए जूझ रहे हैं। टीम इंडिया को अगर ऑस्ट्रेलिया का किला लगातार तीसरा बार भेदना है, तो रोहित एंड कंपनी को सचिन तेंदुलकर का साथ चाहिए होगा। ऐसा हम नहीं कह रहे, बल्कि भारत के ही पूर्व क्रिकेटर डब्ल्यू वी रमन का यही मानना है।

सचिन की होगी भारतीय खेमे में एंट्री

डब्ल्यू वी रमन ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, “बॉर्डर-गावस्कर सीरीज की तैयारियों के लिए सचिन तेंदुलकर अगर भारतीय टीम के साथ बतौर बैटिंग कंसेल्टेंट जुड़ जाएं तो यह टीम इंडिया के लिए काफी फायदेमंद होगा। अभी दूसरे टेस्ट मैच में काफी वक्त है। सलाहकार के तौर पर पूर्व प्लेयर्स का टीम से जुड़ना इन दिनों आम बात है। क्या यह विचार सही है?” बता दें कि ऑस्ट्रेलिया की धरती पर सचिन तेंदुलकर का रिकॉर्ड कमाल का रहा।

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उन्होंने कंगारुओं के खिलाफ उन्हीं की सरजमीं पर खेले 20 मैचों की 38 पारियों में 53.20 की औसत से 1809 रन ठोके। इस दौरान उनके बल्ले से 6 शतक और 7 अर्धशतक निकले। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सचिन के ओवरऑल टेस्ट रिकॉर्ड की बात करें, तो मास्टर ब्लास्टर ने 74 इनिंग्स में 55 की दमदार औसत से 3,630 रन बनाए। कंगारुओं के खिलाफ सचिन के बैट से 11 शतक और 16 फिफ्टी निकली।

दबाव में है टीम इंडिया

न्यूजीलैंड के खिलाफ घर में 12 साल बाद टेस्ट सीरीज गंवाने के बाद टीम इंडिया का मनोबल पूरी तरह से टूटा हुआ है। अपनी ही धरती पर इंडियन बैटर्स बुरी तरह से फ्लॉप रहे। छह पारियों में विराट कोहली और रोहित शर्मा कुल मिलाकर भी 100 रन का आंकड़ा पार नहीं कर सके। वहीं, यशस्वी जायसवाल, केएल राहुल भी रनों के लिए जूझते नजर आए थे। टीम के गेंदबाजों का प्रदर्शन भी सीरीज में कुछ खास नहीं रहा था। यही वजह है कि भारतीय टीम का कॉन्फिडेंस इस बार काफी डाउन है। हालांकि, ऑस्ट्रेलिया के पिछले दो दौरे टीम इंडिया के लिए ऐतिहासिक रहे हैं। 2018 में विराट कोहली की कप्तानी में भारतीय टीम ने पहली बार कंगारुओं का घमंड चकनाचूर किया था। वहीं, 2020-21 में रहाणे की अगुवाई में टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में 2-1 से पटखनी दी थी।

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Written By

Shubham Mishra

First published on: Nov 14, 2024 01:21 PM

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