Rohit Sharma: 12 पारियों में सिर्फ 142 रन। बैटिंग औसत महज 11.83 का। इन 12 इनिंग्स बल्ले से निकला है सिर्फ एक अर्धशतक। यह आंकड़े रोहित शर्मा की बेबसी की कहानी बयां कर रहे हैं। कप्तानी में तो टीम फ्लॉप हो रही है, इसके साथ ही रोहित के बल्ले ने भी इन दिनों साथ छोड़ दिया है। एडिलेड में हिटमैन ने अपनी बैटिंग पोजीशन को भी बदलकर देखा, लेकिन वह अपनी खराब फॉर्म को चाहकर भी नहीं बदल सके। क्रिकेट के सबसे लंबे फॉर्मेट में रोहित बुरे दौर से गुजर रहे हैं और भारतीय कप्तान की बल्लेबाजी को देखकर साफतौर पर लग रहा है कि वह जरूरत से ज्यादा दबाव महसूस कर रहे हैं।
रोहित का हाल बेहाल
रोहित शर्मा टेस्ट क्रिकेट में रनों के लिए बुरी तरह से जूझ रहे हैं। पिछली 12 पारियों में रोहित के बल्ले से सिर्फ एक अर्धशतक निकला है। रोहित का बैटिंग औसत महज 11.83 का रहा है, जबकि उनके बल्ले से सिर्फ 142 रन निकले हैं। पर्थ टेस्ट को मिस करने के बाद रोहित जब एडिलेड में लौटे, तो हर किसी को भारतीय कप्तान से बड़ी पारी की आस थी। मगर बैटिंग पोजीशन को बदलकर मानो रोहित ने अपने ही ऊपर अधिक दबाव ले लिया। पिंक बॉल टेस्ट की पहली पारी में रोहित ने 23 गेंदों का सामना किया, लेकिन उनके बल्ले से निकले महज 3 रन। कप्तान साहब टीम को मझधार में छोड़कर पवेलियन लौट गए। दूसरी पारी में भी टीम की लड़खड़ाती हुई पारी को जब संभालने की जरूरत थी, तो रोहित 6 रन बनाकर पवेलियन की ओर चल पड़े।
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ऐसे कैसे चलेगा रोहित?
रोहित शर्मा के लिए क्रिकेट के सबसे लंबे फॉर्मेट में कुछ ही सही नहीं घट रहा है। रोहित की कैप्टेंसी में टीम इंडिया ने पिछले चार टेस्ट मैचों में लगातार हार का मुंह देखा है। कप्तानी पर तो सवाल उठ ही रहे थे, लेकिन अब रोहित की बल्लेबाजी भी आलोचकों के निशाने पर है। एडिलेड में मिली हार के बाद सोशल मीडिया पर फैन्स ने रोहित को टेस्ट क्रिकेट से रिटायरमेंट लेने तक की सलाह दे डाली। भारतीय कप्तानी को अपनी खराब फॉर्म की काट जल्द ही खोजनी होगी, क्योंकि अगर पूरे ऑस्ट्रेलिया दौरे पर रोहित का यही हाल रहा, तो टीम मैनेजमेंट और सिलेक्टर्स पर सख्त कदम उठाने का दबाव बन जाएगा।