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खेत में लगा करंट..चली गई आंखों की रोश‍नी, अब पैरालंप‍िक में भारत को द‍िलाएगा गोल्‍ड मेडल

Kapil Parmar Profile: पेरिस पैरालंपिक गेम्स 2024 की शुरुआत 28 अगस्त से हो रही है। इस बार जूडो में मध्य प्रदेश के कपिल परमार से पदक की उम्मीद है। उन्होंने चौथे एशियन पैरा गेम्स में 60 KG कैटेगरी में सिल्वर मेडल जीता था।

Edited By : Ashutosh Singh | Updated: Aug 24, 2024 19:02
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Paris Paralympic Games 2024: पेरिस ओलंपिक में धमाल मचाने के बाद अब पैरालंपिक में दम दिखाने के लिए भारतीय खिलाड़ी तैयार हैं। पेरिस पैरालंपिक गेम्स 28 अगस्त से आठ सितंबर के बीच खेले जाएंगे। इस बार मध्य प्रदेश के कपिल परमार भी अपने दावेदारी पेश करेंगे। मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के निवासी कपिल परमार (Kapil Parmer)  ने कई कठिनाइयों का सामना करना करते हुए यहां तक सफर किया है।

15 साल की उम्र में हुए हादसे का शिकार

कपिल परमार जब 15 साल के थे, तब खेत में काम करने के दौरान उन्हें करंट का जोरदार झटका लगा था। इस झटके की वजह से उनका रेटिना खराब हो गया था। इसी वजह से वो केवल 20 प्रतिशत ही देख पाते हैं। लेकिन इसके बाद उन्होंने हार मानी और अपनी कमजोरी को ही अपनी ताकत बना दिया।

इस घटना को लेकर कपिल परमार ने बताया कि 2009 में वो पानी की मोटर चालू करने के लिए खेत में गए थे, यहीं पर उन्हें करंट लगा गया था। करंट का झटका इतना तेज था कि उनके हाथ की उंगलियां तक आपस में चिपक गई थीं। इस वजह से उनके हाथ की दो उंगलियां ऊपर नहीं होती है।

बेटे के सपने पूरे पिता ने की मजदूरी

अपने करियर में कपिल परमार ने बहुत ज्यादा सफलता हासिल की है। लेकिन उन्हें यहां तक पहुंचाने में उनके पिता का बहुत बड़ा हाथ रहा है। कपिल के सपनों को पूरा करने के लिए उनके पिता ने मजदूरी, हम्माली और टैक्सी चलाने का काम भी किया। ये पिता की मेहनत थी कि कपिल आज दुनिया में नंबर दो रैंक के पैरा जूडो खिलाड़ी हैं।

बेहद मुश्किल रहा सफर

करंट लगने के बाद उन्हें दो साल तक के लिए चश्मा लग गया था। इसके बाद उन्हें फिर से कम दिखाई देना शुरू हो गया था। जिसके बाद उनकी मां उन्हें डॉक्टर के पास लेकर गई थी। डॉक्टर ने उन्हें फिर से हाई पावर का चश्मा लगाने की सलाह दी। कुछ सालों के बाद उनका चश्मा उतर गया और उन्हें थोड़ा बहुत दिखाई देना लगा। इसी दौरान उन्हें ब्लाइंड जूडो के बारे में जानकारी मिली।

 

भोपाल में ली ट्रेनिंग

कपिल परमार ने इसके बाद भोपाल आकर लालघाटी स्थित श्री ब्लिस मिशन फार पैरा एंड ब्राइट संस्था में 2017 से कोच प्रवीण भटेले के अंडर ट्रेनिंग ली। समय के साथ उनका खेल और ज्यादाबेहतर हो गए। सुविधाओं की कमी होने की वजह से वो मप्र खेल विभाग के तात्या टोपे स्टेडियम में ट्रेनिंग करने लगे। इसके बाद राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनका खेल बेहतर होता चला गया। फिलहाल वो लखनऊ में स्थापित इंडियन ब्लाइंड एंड पैरा जूडो एसोसिएशन में कोच मुनव्वर अंजार अली सिद्दकी के अंडर ट्रेनिंग करते हैं।

करियर में हासिल किया खास मुकाम

कपिल परमार ने चौथे एशियन पैरा गेम्स में 60 किग्रा कैटेगरी में सिल्वर मेडल जीता था। इसके बाद PM मोदी ने उन्हें मुलाकात की थी और बधाई दी थी। इससे पहले उन्होंने कॉमनवेल्थ जूडो चैंपियनशिप-2019 में गोल्ड, आईबीएसए जूडो ग्रांड प्री-2022 में ब्रॉन्ज, आईबीएसए जूडो टोक्यो इंटरनेशनल ओपन टूर्नामेंट- 2022 में गोल्ड जीता था। कपिल ने अभी तक 10 इंटरनेशनल कॉम्पीटिशन में हिस्सा ले चुके हैं, जिसमे उन्होंने 9 पदक जीते हैं।

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Written By

Ashutosh Singh

First published on: Aug 24, 2024 07:02 PM

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