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Vinesh Phogat News: ये 6 दलीलें जो विनेश फोगाट को दिला सकती हैं ओलंपिक का सिल्वर मेडल

Paris Olympics 2024 में भारत की स्टार महिला पहलवान विनेश फोगाट की अयोग्यता के मामले पर कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स में सुनवाई पूरी हो चुकी है। अब इस मामले पर फैसला आना बाकी है, जो कभी भी आ सकता है। 

Edited By : Mashahid abbas | Updated: Aug 10, 2024 22:26
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Vinesh phogat
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Paris Olympics 2024 Vinesh Phogat Case: भारत की स्टार महिला पहलवान विनेश फोगाट की अयोग्यता के मामले पर कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) में सुनवाई पूरी हो चुकी है। इस पर रविवार से पहले ही फैसला आने की उम्मीद जताई जा रही थी। मगर आज शनिवार को सुनवाई टल गई है। अब कल यानी रविवार 11 अगस्त को रात 9 बजे के बाद फैसला आ सकता है।

विनेश फोगाट ने खुद ही अपनी अयोग्यता के खिलाफ ये अपील दायर की थी। उन्होंने शान से ओलंपिक फाइनल में जगह बनाकर इतिहास रचा था। लेकिन अगले दिन फाइनल से पहले महज 100 ग्राम वजन ज्यादा होने पर उन्हें डिस्क्वालीफाई कर दिया गया। रिपोर्ट में हम आपको बताते हैं कि विनेश की ओर से सीएएस में क्या तर्क और दलील पेश की गई है, जिस पर कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स अपना फैसला सुनाएगी।

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क्या है सीएएस

सबसे पहले हम ये जान लेते हैं कि आखिर ये सीएएस यानी खेल पंचाट न्यायालय क्या है, जहां पर विनेश फोगाट के मामले में सुनवाई हुई है। खेल पंचाट न्यायाय (CAS) एक स्वतंत्र संस्था है और इसकी स्थापना 1984 में खेल-संबंधी विवादों को मध्यस्थता या मध्यस्थता के माध्यम से निपटाने के लिए की गई थी। इसका मुख्यालय स्विटजरलैंड के लॉजेन में है और इसकी अदालत न्यूयॉर्क और सिडनी में हैं।

इसके साथ ही ओलंपिक मेजबान शहरों में अस्थाई अदालत स्थापित की जाती हैं। CAS किसी भी खेल संगठन से स्वतंत्र है और अंतर्राष्ट्रीय खेल पंचाट परिषद (ICAS) के प्रशासनिक और वित्तीय प्राधिकरण के तहत काम करता है। CAS खेल के क्षेत्र में कानूनी विवादों को मध्यस्थता के माध्यम से हल करता है और मध्यस्थ पुरस्कार सुनाता है, जो सामान्य न्यायालयों के निर्णयों के समान ही लागू होते हैं। यह पक्षों के विवादों को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाने में मदद करने के लिए मध्यस्थता सेवाएं भी प्रदान करता है।

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विनेश फोगाट की ओर से क्या रखी गई दलील

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विनेश फोगाट की ओर से अपने पक्ष में कई दलीलें पेश की गई हैं। इसमें विनेश ने एथलीट के मौलिक अधिकारों की बात की है। विनेश फोगाट के वकील हरीश साल्वे ने विनेश का पक्ष रखते हुए कहा है कि विनेश फोगाट ने किसी तरह का फ्रॉड नहीं किया है। विनेश फोगाट ने गोल्ड मेडल के लिए कड़ी मेहनत की थी। उन्होंने सेमीफाइनल तक शानदार प्रदर्शन किया लेकिन गोल्ड मेडल मैच से ठीक पहले उनका वजन 100 ग्राम ज्यादा पाया गया, जिस वजह से उन्हें अयोग्य करार दे दिया गया। उन्होंने पूरे कॉम्पटीशन के दौरान किसी भी तरह की धोखाधड़ी नहीं की है।

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विनेश की ओर से रखी गई दलीलें

  1. विनेश की ओर से तर्क दिया गया है कि उन्होंने कोई धोखाधड़ी नहीं की है।
  2. उनका वजन बढ़ना शरीर की प्राकृतिक रिकवरी प्रक्रिया के कारण था।
  3. अपने शरीर की देखभाल करना किसी भी एथलीट का मौलिक अधिकार है।
  4. प्रतियोगिता के पहले दिन उनके शरीर का वजन निर्धारित सीमा के भीतर था।
  5. वजन बढ़ना केवल उनकी रिकवरी प्रक्रिया के तहत हुआ है, उन्होंने कोई धोखाधड़ी नहीं की है।
  6. उन्हें मैच से पहले रिकवरी के लिए आवश्यक पोषण तत्वों के साथ अपने शरीर को फिर से फिट रखने का अधिकार है।

ये भी पढ़ें: विनेश फोगाट की किस्मत का ये महिला करेगी फैसला, जानें कब तक आएगा निर्णय

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Written By

Mashahid abbas

Edited By

Amit Kumar

First published on: Aug 09, 2024 11:14 PM

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