Pratika Rawal: सीबीएसई बोर्ड में 92.5 प्रतिशत मार्क्स। साइकोलॉजी की दमदार स्टूडेंट। बास्केटबॉल के खेल में गोल्ड मेडल। क्रिकेट की दुनिया में पैर जमाने से पहले यह प्रतीका रावल की उपलब्धियां थीं। पढ़ाई में प्रतीका का खूब मन लगता था और सामने एक शानदार करियर इंतजार कर रहा था। मगर प्रतीका तय कर चुकी थीं कि करियर को अगर बुलंदियों तक पहुंचाना है, तो सिर्फ क्रिकेट की 22 गज की पिच पर। बढ़िया खिलाड़ी उसे ही माना जाता है, जो हाथ आए मौके को भुनाने में सफल रहे। यही काम प्रतीका ने करके दिखाया है। वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे सीरीज में अपने जौहर दिखाने का चांस मिला और इस युवा बैटर ने इस मौके को दोनों हाथ से लपक लिया।
प्रतीका ने मचाया धमाल
वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले एकदिवसीय मुकाबले में प्रतीका ने 69 गेंदों पर 40 रन की दमदार पारी खेली। पहले ही मैच में प्रतीका की बल्लेबाजी में वो काबिलियत दिखाई दी, जिसके चलते उन्हें नेशनल टीम का बुलावा आया। दूसरे मैच में मौका मिला, तो प्रतीका ने अपनी आतिशी बैटिंग से हर किसी का दिल जीत लिया। कैरेबियाई टीम के मजबूत बॉलिंग अटैक के सामने प्रतीका ने 86 गेंदों पर 76 रन की बेमिसाल पारी खेली। अपनी इस इनिंग के दौरान प्रतीका के बल्ले से 10 चौके और एक छक्का निकला। प्रतीका की बल्लेबाजी को देखकर एक पल भी ऐसा नहीं लगा कि उन्होंने हाल ही में इंटरनेशनल क्रिकेट में कदम रखा है।
Maiden FIFTY in international cricket 👏 👏
Well played, Pratika Rawal 👍 👍
---विज्ञापन---Updates ▶️ https://t.co/u2CL80qolK#TeamIndia | #INDvWI | @IDFCFIRSTBank pic.twitter.com/m8DTaB8nJm
— BCCI Women (@BCCIWomen) December 24, 2024
सीबीएसई बोर्ड की टॉपर
खेल के साथ-साथ प्रतीका का मन शुरुआत से ही पढ़ाई में भी खूब लगता था। 12वीं क्लास में प्रतीका ने पढ़ाई की पिच पर झंडे गांडे और 92.5 पर्सेंटेज के साथ टॉप किया। हालांकि, क्रिकेट से उनका लगाव शुरू से ही था। प्रतीका ने 10 साल की उम्र में ही क्रिकेट का बल्ला थाम लिया था। पढ़ाई और खेल दोनों को साथ में मैनेज करना प्रतीका के लिए आसान नहीं था। क्रिकेट में उनकी रुचि को देखते हुए प्रतीका के पिता ने उनका एडमिशन रोहतक रोड के जिमखाना क्रिकेट एकेडमी में करवा दिया, जहां प्रतीका की ट्रेनिंग कोच सरवन कुमार की देखरेख में हुई। प्रतीका अपनी उम्र के लड़कों के साथ जमकर प्रैक्टिस करती थीं। प्रतीका बास्केटबॉल के खेल की भी बेहतरीन खिलाड़ी हैं और उन्होंने साल 2019 में स्कूल नेशनल गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था।
प्रतीका ने अपना दमदार खेल जारी रखा और जल्द ही उनकी दिल्ली की टीम में एंट्री हो गई। जूनियर लेवल पर बेमिसाल प्रदर्शन के बूते प्रतीका ने सीनियर टीम में भी जल्द ही अपनी जगह बना ली और इसके बाद पीछे मुडकर नहीं देखा। प्रतीका की बल्लेबाजी को देखकर यह कहा जा सकता है कि यह एक बेमिसाल करियर की महज अभी शुरुआत हुई है और अभी इस युवा बैटर को लंबा सफर तय करना है।