India vs Sri Lanka ODI Series: श्रीलंका के खिलाफ टी-20 सीरीज में मिली जीत के बाद हर क्रिकेट प्रशंसक इसी उम्मीद में था कि भारतीय टीम वनडे मुकाबलों में भी अपना दबदबा जारी रखेगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बतौर कोच गौतम गंभीर का यह पहला टूर्नामेंट है और जिस तरह से मिडिल ऑर्डर फेल हुआ है, उससे भारतीय टीम की बड़ी कमजोरी उजागर हो गई है।
वनडे सीरीज के दो मुकाबलों में टीम मैनेजमेंट ने बैटिंग ऑर्डर में बदलाव किया है। पहले मैच में वॉशिंगटन सुंदर को ऊपर खिलाया गया, लेकिन सुंदर कुछ खास नहीं कर पाए और सिर्फ 5 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। दूसरे मैच में कप्तान और कोच ने शिवम दुबे को चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने भेजा। दुबे इस मैच में खाता भी नहीं खोल सके। उन्हें वांडरसे ने पगबाधा आउट कर दिया।
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दुबे और वॉशिंगटन सुंदर की असफलता ने सवाल उठा दिया है कि आखिर जिस विकेट पर अनुभवी खिलाड़ियों को मुश्किल हो रही है, उस विकेट पर एक्सपेरिमेंट करने की जरूरत क्या है? दूसरे मैच के बाद रोहित शर्मा ने कहा कि उन्होंने सोचा था कि बाएं और दाएं हाथ के बल्लेबाज के क्रीज पर रहने पर आसानी से सिंगल ले पाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। जो बात रोहित शर्मा ने दूसरे मैच के बाद कही, उन्होंने पहले मैच में भी ऐसी ही स्ट्रैटजी अपनाई थी, लेकिन नतीजा क्या रहा।
भारत अब श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज नहीं जीत सकता। एक मुकाबला टाई रहा है, दूसरा मुकाबला श्रीलंका ने जीत लिया। भारत अब इस सीरीज को सिर्फ ड्रॉ करा सकता है और इसके लिए उसे तीसरा मैच जीतना ही होगा।
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एक्सपेरिमेंट से दूसरे बल्लेबाजों पर पड़ा असर
श्रीलंका के खिलाफ दूसरे वनडे मुकाबले में शिवम दुबे को गौतम गंभीर ने चार नंबर पर खिलाया। अक्षर पटेल को पांचवें नंबर पर भेजा गया। इस वजह से श्रेयस अय्यर छठे और केएल राहुल सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे। केएल राहुल के सात नंबर पर खेलने से ऐसा लगता है कि कोच गौतम गंभीर को केएल राहुल के मुकाबले वॉशिंगटन सुंदर और अक्षर पटेल पर ज्यादा भरोसा है। श्रेयस अय्यर और केएल राहुल दोनों ही इस सीरीज में कुछ खास नहीं कर पाए हैं।
दोनों मैचों में देखा गया कि विराट कोहली के बाद आने वाले किसी भी बल्लेबाज की पोजिशन फिक्स नहीं है। भारतीय टीम ने अच्छी शुरुआत की, लेकिन बीच के ओवरों में पारी बिखर गई। मिडिल ऑर्डर धराशायी हो गया।
राहुल और अय्यर को नीचे खिलाना कहां तक सही?
सवाल ये भी है कि अक्षर पटेल और वॉशिंगटन सुंदर को बल्लेबाजी के लिए टीम में रखा गया है या उनका मुख्य काम गेंदबाजी है। स्पिन गेंदबाजों के लिए मददगार पिच पर गेंदबाजों से बड़े स्कोर की उम्मीद करना कितना सही है। अक्षर पटेल और वॉशिंगटन सुंदर ने अपनी बल्लेबाजी से उम्मीद जगाई है, लेकिन वह केएल राहुल और श्रेयस अय्यर के मुकाबले हर मैच में तरजीह पाएं। ये कहां तक उचित है।
श्रेयस अय्यर की पोजिशन के साथ लगातार छेड़छाड़ की जा रही है। वर्ल्ड कप 2023 में दुनिया ने देखा है कि किस तरह श्रेयस अय्यर ने चार नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए शानदार प्रदर्शन किया। फिर कोच गंभीर उन्हें नीचे क्यों खिला रहे हैं? इसी तरह केएल राहुल को भी नीचे खिलाया जा रहा है।
होना तो यह चाहिए कि कोच बल्लेबाजों को टिककर खेलने की हिदायत देते और युवा हरफनमौला खिलाड़ियों को जिम्मेदारी के साथ बैटिंग करने और पार्टनरशिप बनाने पर फोकस करने की सलाह देते। लेकिन श्रीलंका के युवा खिलाड़ियों के सामने भारतीय टीम असहाय लगने लगी है। इसका श्रेय कोच गौतम गंभीर के एक्सपेरिमेंट को भी जाता है।
सीरीज का तीसरा वनडे मुकाबला भारत के लिए अब करो या मरो का मुकाबला बन गया है। भारत को अपनी इज्जत बचानी है तो टीम को जीत के सिवा कुछ भी गंवारा नहीं होगा। लेकिन, इसके लिए अपने बल्लेबाजों पर भरोसा करना होगा। उन्हें एक फिक्स बैटिंग पोजिशन देनी होगी। एक्सपेरिमेंट से काम नहीं बन रहा।