ICC Suspended Sri Lanka Cricket Team Captain Wanindu Hasaranga: इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) द्वारा शनिवार शाम एक बड़ा फैसला लेते हुए श्रीलंका क्रिकेट टीम के कप्तान वानिंदु हसारंगा को निलंबित करने का फैसला लिया गया है। आपको बता दें कि यह सजा सुनाई गई है अफगानिस्तान और श्रीलंका के बीच जारी मौजूदा टी20 सीरीज के दौरान हुए एक वाकये को लेकर। इतना ही नहीं अफगानिस्तान के खिलाड़ी रहमनुल्लाह गुरबाज को भी आईसीसी ने सजा सुनाई है। खास बात यह है कि हसारंगा को अगले दो मैचों के लिए निलंबित किया गया है। जबकि गुरबाज को मैच फीस का जुर्माना और डिमेरिंट अंक की सजा सुनाई गई है।
क्या है पूरा मामला?
अगर पूरे मामले की बात करें तो वानिंदु हसारंगा के टोटल डिमेरिट अंक 5 हो गए हैं। इसी कारण नियम के मुताबिक अगर पिछले दो साल में खिलाड़ी के पांच डिमेरिट अंक हो जाते हैं तो उसके ऊपर 50 प्रतिशत मैच फीस और दो मैचों का निलंबन लगता है। अगर पूरे मामले की बात करें तो हसारंगा को आईसीसी के कोड ऑफ कंडक्ट के तहत अनुच्छेद 2.13 का दोषी पाया गया है। इसमें अगर कोई खिलाड़ी अपने सपोर्ट स्टाफ, अंपायर या मैच रेफरी को पर्सनल तौर पर गलत शब्द बोलता है तो इसका दोषी पाते हैं।
Sri Lanka star handed two-match suspension for breaching ICC Code of Conduct.https://t.co/eWyf4kybza
— ICC (@ICC) February 24, 2024
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गौरतलब है कि यह मामला है अफगानिस्तान और श्रीलंका के बीच खेले गए टी20 सीरीज के तीसरे और आखिरी मुकाबले का। उस मैच में हसारंगा ने अंपायर लिंडन हनिबल की तरफ जाकर उन्हें एक फुलटॉस को नो बॉल देने के लिए उल्टा-सीधा बोला था। इसी कारण उन्हें दोषी पाया गया। वह अब श्रीलंका की अगले महीने बांग्लादेश के खिलाफ होने वाली टी20 सीरीज के पहले दो मैचों से बाहर रहेंगे।
क्यों रहमनुल्लाह गुरबाज को मिली सजा?
अब अगर अफगानिस्तान के खिलाड़ी रहमनुल्लाह गुरबाज की बात करें तो उन्हें भी आईसीसी ने सजा सुनाई है। हालांकि उनके ऊपर मैच फीस का 15 प्रतिशत जुर्माना लगा है। उन्हें आईसीसी के कोड ऑफ कंडक्ट के लेवल 1 का दोषी पाया गया है। उन्होंने इस कोड के अनुच्छेद 2.4 के नियम का उल्लंघन किया था। इसमें भी अंपायर की बात नहीं मानने जैसी बातें होती हैं। इसके लिए उन पर मैच फीस के जुर्माने के अलावा 1 डिमेरिट अंक भी मिला। पिछले दो साल में यह उनकी दूसरी गलती है और उनके कुल 2 डिमेरिट अंक हो गए हैं।
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गुरबाज की गलती की बात करें तो उनको यह सजा सुनाई गई है अपने बल्ले की ग्रिप के साथ छेड़छाड़ करने के लिए। उनको इसके लिए वॉर्निंग भी मिली थी लेकिन उसके बावजूद वह नहीं माने। इन दोनों खिलाड़ियों ने अपने-अपने आरोप स्वीकार लिए हैं। मैच रेफरी क्रिस ब्रॉड द्वारा लगाए गए आरोपों को उन्होंने स्वीकार लिया है। इस कारण अब इस मामले पर किसी भी तरह की सुनवाई की जरूरत नहीं है। यह शिकायत फील्ड अंपायर लिंडन हनीबल और रवींद्र विमलासिरी ने की थी। वहीं थर्ड अंपायर रुचिरा पल्लियागुरुगे और फोर्थ अंपायर रनमोर मार्टिनेज ने भी यह शिकाय की।