D Gukesh: वर्ल्ड चेस चैंपियन का खिताब जीतकर पूरी दुनिया का दिल जीतने वाले गुकेश डोम्माराजू की सफलता के पीछे उनकी असाधारण मेहनत और उनके माता-पिता पद्मा कुमारी और रजनीकांत का अटूट समर्थन और बलिदान छिपा है। उनकी मां ने एक इंटरव्यू में बताया कि कैसे उन्होंने गुकेश की पढ़ाई 5वीं कक्षा के बाद रोक दी ताकि वह शतरंज पर पूरी तरह ध्यान केंद्रित कर सकें। यह फैसला लेना उनके लिए आसान नहीं था, क्योंकि हर असफल टूर्नामेंट के बाद उन्हें अपने निर्णय पर संदेह होता था।
गुकेश हारने पर टूर्नामेंट छोड़ने की बात करते थे
पद्मा कुमारी ने कहा, “हमने कई बार सोचा कि क्या हमने सही किया है। लेकिन गुकेश की क्षमता पर हमारा विश्वास हमेशा बना रहा।” उनके पिता रजनीकांत का भी इस सफलता में बड़ा योगदान है। उन्होंने गुकेश को सिखाया कि एक बार जो शुरू किया है, उसे खत्म करना जरूरी है। जब गुकेश हारने पर टूर्नामेंट छोड़ने की बात करते थे, तो उनके पिता कहते, “तुम्हें टूर्नामेंट खत्म करना होगा और अंत तक लड़ना होगा।”
गुकेश ने अपनी सफलता का श्रेय किसको दिया?
गुकेश ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और परिवार को दिया। उन्होंने कहा, “मैंने यह सपना 7 साल की उम्र में देखना शुरू किया था, लेकिन मेरे माता-पिता के लिए यह सपना मुझसे भी बड़ा था। उनकी मेहनत और समर्थन ने ही मुझे इस मुकाम तक पहुंचाया।” वर्ल्ड चैंपियन बनने के साथ, गुकेश ने इतिहास में सबसे युवा चैंपियन के रूप में अपना नाम दर्ज करा लिया।
तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के बीच बहस
हालांकि, उनकी सफलता ने तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के बीच बहस भी छेड़ दी है। गुकेश का जन्म और परवरिश चेन्नई में हुई, लेकिन उनके माता-पिता आंध्र प्रदेश के तेलुगु परिवार से हैं। इस वजह से दोनों राज्यों के लोग उन्हें अपना मानने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन गुकेश के लिए उनकी पहचान उनकी मेहनत और उनके माता-पिता के बलिदानों से बनी है।