USA Cricket In Problem: अमेरिका भले ही एक सुपरपावर देश हैं, लेकिन यूएसए क्रिकेट फिलहाल मुश्किल के दौर से गुजर रहा है. इंटरनेशनल शेड्यूल की तैयारियों में फंडिंग में देरी और एडमिनिस्ट्रेटिव फेलियर्स की वजह से काफी रुकावट आई है. इसके कारण बड़े आईसीसी इवेंट्स से पहले सीनियर और जूनियर दोनों टीमों पर असर पड़ा है. सबसे नई दिक्कत अंडर-19 मेंस टीम से जुड़ी है, जिसका 27 दिसंबर को साउथ अफ्रीका में 10 दिन के ट्रेनिंग कैंप के लिए जाने का प्लान कई खिलाड़ियों को टाइम पर वीजा न मिलने के कारण टाल दिया गया. सूत्रों ने बताया कि यूएसए क्रिकेट के सस्पेंशन की वजह से आईसीसी की तरफ से नियुक्त स्टाफ ने वीजा एप्लीकेशन 20 दिसंबर को ही जमा किए थे, जिससे प्रोसेसिंग के लिए बहुत कम वक्त बचा था.
कैसे हुआ ये सबकुछ?
ये झटका इसी तरह की कई दिक्कतों के बाद लगा है. साल की शुरुआत में, वेस्ट इंडीज क्रिकेट ने फंडिंग की चिंताओं के कारण अपना अंडर-19 तैयारियों वाला टूर को कैंसिल कर दिया था. दुबई में आईसीसी मेंस क्रिकेट वर्ल्ड कप लीग 2 सीरीज से पहले श्रीलंका में होने वाला सीनियर मेंस टीम का ट्रेनिंग कैंप भी सितंबर में आईसीसी की तरफ से यूएसए क्रिकेट को सस्पेंड करने के बाद रद्द कर दिया गया था.
लॉजिस्टिक्स प्रॉब्लम्स
मुकाबले के दौरान भी लॉजिस्टिक्स से जुड़ी परेशानियां बनी रहीं, आईसीसी ने कथित तौर पर सीनियर मेंस टीम के लिए दुबई जाने का इंतजाम नहीं किया, जिससे आखिरी वक्त में प्राइवेट इंतजाम करने पड़े. इन चुनौतियों के बावजूद, अमेरिकी टीम ने दुबई में सभी 4 मैच जीते और फिलहाल लीग 2 स्टैंडिंग में टॉप पर है.
यूएसए क्रिकेट के गोल्स पर असर
ये बड़ी उथल-पुथल यूएसए क्रिकेट के सीरियस गवर्नेंस ब्रीच के लिए आईसीसी की तरफ से सस्पेंशन और अमेरिकन क्रिकेट एंटरप्राइजेज के साथ कमर्शियल डील खत्म होने के बाद उसकी दिवालियापन की अर्जी से शुरू हुई है. हालांकि आईसीसी ने लिमिटेड डेटर-इन-पोजेशन फाइनेंसिंग पर सहमति जताई है और 63,000 यूएस डॉलर का रीइम्बर्समेंट सेटल किया है, लेकिन देरी से लिए गए फैसले और अनक्लियर एडमिनिस्ट्रेटिव कंट्रोल प्लानिंग को कमजोर कर रहे हैं. अंडर-19 वर्ल्ड कप, टी-20 वर्ल्ड कप और लंबे समय के ओलंपिक टारगेट को देखते हुए, यूएसए क्रिकेट के पास तैयारियों का काफी कम वक्त बचा है
भारतीय मूल के इन क्रिकेटर्स के करियर को खतरा
अगर यूएसए क्रिकेट अपनी बर्बादी का दास्तान लिख रहा है, तो ऐसे में भारतीय मूल के उन क्रिकेटर्स के भविष्य को भी खतरा हो सकता है, जिन्होंने इंडिया छोड़कर अमेरिका में अपने क्रिकेटर करियर को ग्रो करने का प्लान बनाया है. आइए जानते हैं कि वो प्लेयर्स कौन-कौन से हैं.
1. सनी सोहल
सनी सोहल का जन्म मोहाली, पंजाब में हुआ था और उन्होंने 2005 में पंजाब के लिए फर्स्ट-क्लास क्रिकेट में डे किया. उन्होंने आईपीएल में भी पंजाब किंग्स , डेक्कन चार्जर्स और आरसीबी जैसी अलग-अलग आईपीएल फ्रेंचाइजी के लिए खेला. इस विस्फोटक बल्लेबाज से बहुत उम्मीदें थीं. उन्होंने 20 आईपीएल मैच खेले हैं और 368 रन बनाए हैं. हालांकि, इतने सालों तक खेलने और डोमेस्टिक सर्किट में 1,200 से ज्यादा रन बनाने के बावजूद वो भारतीय क्रिकेट में बड़ा नाम नहीं बना सके. इस कारण उन्होंने अमेरिका जाने का फैसला किया. वो अब यूएसए टीम के रेगुलर खिलाड़ी हैं.

2. तिमिल पटेल
तिमिल पटेल दाएं हाथ के बल्लेबाज होने के साथ-साथ लेग-ब्रेक बॉलर भी हैं. ये हैरानी की बात है कि उन जैसा टैलेंटेड खिलाड़ी अपने ही देश में बड़ा नाम नहीं बना पाया. उन्होंने अमेरिका के लिए वनडे और टी-20 इंटरनेशनल मैच खेले हैं. वो 2003 में इंडिया अंडर-19 टीम के उस अंडर-19 टीम का हिस्सा थे जिसने इंग्लैंड का दौरा किया था. उन्होंने 2002 से 2010 तक भारतीय रणजी टीम गुजरात के लिए खेला था. साल 2010 में उन्होंने लॉस एंजिल्स में बसने का फैसला किया.

3. सौरभ नेत्रवाल्कर
सौरभ नेत्रवाल्कर का जन्म महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में हुआ था, उन्होंने अमेरिकी क्रिकेट टीम की कप्तानी भी की है. वो भारत के लिए अंडर-19 वर्ल्ड कप 2009 में हिस्सा ले चुके हैं, बाद में वो यूएस शिफ्ट हो गए थे, वो फिलहाल अमेरिकी टीम का हिस्सा हैं. उन्होंने अब तक 63 वनडे और 41 टी-20 इंटरनेशनल मैच खेल चुके हैं.

4. उनमुक्त चंद
भारतीय मूल के बल्लेबाज उनमुक्त चंद ने अपनी कप्तानी में भारत को साल 2012 में अंडर-19 वर्ल्ड कप जिताया था. उसी टूर्नामेंट के फाइनल में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शतकीय पारी खेली थी. घरेलू क्रिकेट और आईपीएल में ज्यादा मौके न मिलने के कारण उन्होंने 2021 में भारतीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया. इसके बाद उन्होंने अमेरिका में जाकर क्रिकेट खेलना शुरू किया और मेजर लीग क्रिकेट में भी हिस्सा लिया. हालांकि फिलहाल वो यूएसए टीम का हिस्सा नहीं है.











