Bombay High Court Dismisses BCCI’s Petition: आईपीएल में एक समय कोच्चि टस्कर्स केरल नाम की एक टीम खेला करती थी। विवादों के कारण ये फ्रेंचाइजी अचानक गायब हो गई। अब इस टीम का नाम एक बार फिर चर्चा का केंद्र बन गया है। बीसीसीआई को कोच्चि टस्कर्स केरल से जुड़े एक मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट में बड़ा झटका लगा है। जहां पर कोर्ट ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की याचिका को खारिज करके फ्रेंचाइजी को 538 करोड़ रुपए देने का बड़ा आदेश दिया है।
बीसीसीआई को लगा बड़ा झटका
कोच्चि टस्कर्स केरल ने आईपीएल 2011 में हिस्सा लिया था। हालांकि फ्रेंचाइजी अगले सीजन नहीं नजर आई क्यों बीसीसीआई ने इस टीम का कॉन्ट्रैक्ट रद्द कर दिया। बीसीसीआई का कहना था कि फ्रेंचाइजी ने बैंक की गारंटी नहीं भरी है। इस फैसले के खिलाफ फ्रेंचाइजी के मालिक रेंडेज़वस स्पोर्ट्स वर्ल्ड और कोच्चि क्रिकेट प्राइवेट लिमिटेड ट्रिब्यूनल में चले गए। फ्रेंचाइजी ने इस पर अपनी सफाई देते हुए कहा था कि स्टेडियम की उपलब्धता और शेयरधारकों की मंजूरी के कारण वो बैंक को गारंटी मनी नहीं दे सके थे, लेकिन बीसीसीआई को जल्दबाजी में आकर टीम का कॉन्ट्रैक्ट खत्म करना बिल्कुल भी सही नहीं था।
Big Breaking 🚨
Big blow to BCCI as Kochi Tuskers win Rs 538 crore arbitral award in IPL termination case in court!!— Voice of Hindus (@Warlock_Shubh) June 18, 2025
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फ्रेंचाइजी के हक में आया फैसला
जनवरी 2012 को कोच्चि क्रिकेट प्राइवेट लिमिटेड ने बीसीसीआई को पत्र लिखकर बताया कि वो आर्बिट्रेशन में जाएंगे। ट्रिब्यूनल ने बीसीसीआई की सभी दलील को खारिज करके माना की बोर्ड ने टीम का कॉन्ट्रैक्ट गलत तरह से रद्द किया। इसके साथ ही बीसीसीआई को 18 प्रतिशत ब्याज लगातार टीम के मालिकों को 538 करोड़ रुपए चुकाने होंगे। हालांकि अभी भी बीसीसीआई के पास इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का रास्ता खुला हुआ है। हालांकि आखिरी फैसला बोर्ड को ही करना है। कोच्चि टस्कर्स केरल ने आईपीएल 2011 में खेले कई खिलाड़ियों को पूरे पैसे आज तक नहीं दिए हैं।
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