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PM मोदी ने ‘National Space Day’ मनाने की घोषणा की, कहा- ये दिन हमें सदियों तक प्रेरित करेगा

National Space Day:  बेंगलुरु स्थित इसरो कमांड सेंटर में ISRO वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने बड़ी घोषणा की है। उन्होंने देश में प्रत्येक वर्ष 23 अगस्त को National Space Day के रूप में मनाया जाएगा। इस दिन भारत के चंद्रयान ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर अपने लैंडर और रोवर को सफलतापूर्वक […]

Edited By : Sunil Sharma | Updated: Aug 26, 2023 09:23
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National Space Day:  बेंगलुरु स्थित इसरो कमांड सेंटर में ISRO वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने बड़ी घोषणा की है। उन्होंने देश में प्रत्येक वर्ष 23 अगस्त को National Space Day के रूप में मनाया जाएगा। इस दिन भारत के चंद्रयान ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर अपने लैंडर और रोवर को सफलतापूर्वक उतार कर इतिहास रच दिया था। अतः इस दिन को नेशनल स्पेस डे के रूप में मनाने से देश के लोगों को प्रेरणा मिलती रहेगी। इस संबंध में पीएमओ ने एक ट्वीट भी किया है।

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कहा, बच्चों में साइंस के प्रति रुझान बढ़ेगा

उन्होंने कहा कि जिस दिन भारत का तिरंगा चंद्रमा पर पहुंचा, उस दिन को नेशनल स्पेस डे (National Space Day) के रूप में मनाने से देश के बच्चों और युवाओं में विज्ञान के प्रति रुचि जागृत होगी। जब कोई बच्चा रात को चांद को देखेगा तो वह अनुभव करेगा कि जिस जज्बे और हौसले से देख चंद्रमा पर पहुंचा है, वही हौसला और उत्साह उस बच्चे के अंदर भी है। चंद्रयान की इस सफलता ने भारत के बच्चों में आकांक्षाओं के बीज बो दिए हैं जो भविष्य में वटवृक्ष का रूप लेकर विकसित भारत की नींव बनेंगे।

स्पेस साइंस से जुड़ी तकनीक देश के हित में प्रयोग करने का किया आग्रह

वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह महत्वपूर्ण घटना भारत के युवाओं को नई खोज करने का उत्साह और हौसला देगी। पीएम मोदी ने चंद्रयान की सफलता पर इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए उनकी सराहना भी की। उन्होंने वैज्ञानिकों से स्पेस साइंस से जुड़ी तकनीकों को आम जनता को सुविधाएं उपलब्ध कराने तथा देश को आगे बढ़ाने के लिए भी उपयोग लेने का आग्रह किया।

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प्राचीनकाल में भारतीय मनीषियों द्वारा की गई खोजों का भी किया उल्लेख

उन्होंने कहा कि देश में अति प्राचीनकाल से ही विज्ञान और शोध को अत्यन्त महत्व दिया गया था। प्राचीन समय से ऋषि-मुनि वैज्ञानिक खोजों में जुटे हुए थे। जब दुनिया को कुछ पता नहीं था तब आर्यभट्ट ने बताया था कि पृथ्वी गोल है। इसके अलावा भी सूर्य सिद्धान्त जैसे कई प्राचीन ग्रंथों में अंतरिक्ष से जुड़े रहस्यों की खोज की गई है। बाद में लंबे समय तक गुलामी की जंजीरों में जकड़े रहने के कारण भारत अपने इस गौरव को भूल गया था।

 

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Sunil Sharma

First published on: Aug 26, 2023 09:06 AM

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