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साइंस

वैज्ञानिकों ने बनाया ऐसा प्लास्टिक, जो सिर्फ 8 दिनों के अंदर पानी में खुद-ब-खुद जाता है घुल

हर दिन हम जो प्लास्टिक इस्तेमाल करते हैं, वह सालों तक नष्ट नहीं होता और हमारे पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है। लेकिन अब जापान के वैज्ञानिकों ने ऐसा प्लास्टिक बनाया है जो समुद्र के पानी में कुछ ही घंटों में खुद-ब-खुद घुल जाता है।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Ashutosh Ojha Updated: Jun 7, 2025 16:01
biodegradable plastic
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हर दिन करोड़ों टन प्लास्टिक का कचरा हमारे समुद्रों में गिरता जा रहा है। इससे समुद्र के जानवरों को बहुत नुकसान होता है और यह प्लास्टिक हमारे खाने और पानी में भी पहुंच गया है। लेकिन अब एक अच्छी खबर आई है। जापान के वैज्ञानिकों ने ऐसा नया प्लास्टिक बनाया है जो समुद्र के खारे पानी में कुछ घंटों में खुद ही घुल जाता है। इस प्लास्टिक से कोई जहरीला या छोटा टुकड़ा (माइक्रोप्लास्टिक) नहीं बचता। यह नई खोज समुद्र को साफ रखने में बहुत मदद करेगी और भविष्य में प्लास्टिक की समस्या को कम करने का अच्छा तरीका बन सकती है। आइए जानते हैं इसके बारे में।

पहली बार बना ऐसा प्लास्टिक जो समुद्री पानी में खुद-ब-खुद घुल जाए

जापान के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा अनोखा प्लास्टिक बनाया है जो समुद्र के खारे पानी में कुछ ही घंटों में घुल जाता है। यह प्लास्टिक न तो किसी प्रकार का जहरीला पदार्थ छोड़ता है और न ही माइक्रोप्लास्टिक या नैनोप्लास्टिक के रूप में बचता है। टोक्यो यूनिवर्सिटी और RIKEN सेंटर के वैज्ञानिकों ने मिलकर यह खास प्लास्टिक तैयार किया है, जो दिखने और ताकत में सामान्य पेट्रोलियम-बेस्ड प्लास्टिक जैसा है, लेकिन इसका स्वभाव पूरी तरह अलग है। इस प्लास्टिक की खास बात ये है कि यह जब नमक वाले पानी में आता है, तो यह अपने मूल घटकों में टूट जाता है और ये घटक पानी में मौजूद बैक्टीरिया द्वारा पूरी तरह नष्ट कर दिए जाते हैं।

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8 दिन में पूरी तरह गल जाता है ये पूरा प्लास्टिक

वैज्ञानिकों का कहना है कि यह नया प्लास्टिक सिर्फ समुद्र के पानी में ही नहीं, बल्कि नमक वाली जमीन में भी धीरे-धीरे खत्म हो जाता है। अगर इसे मिट्टी में रखा जाए तो यह करीब 200 घंटे यानी 8 दिन में पूरी तरह गल जाता है। जापान के वाको शहर की एक लैब में इसका परीक्षण किया गया। वहां यह प्लास्टिक सिर्फ 1 घंटे में समुद्र के पानी में घुल गया। इस प्लास्टिक की सबसे अच्छी बात यह है कि…

  • यह जहरीला नहीं है।
  • जलने पर यह कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) नहीं छोड़ता।
  • यह आग से सुरक्षित है और इंसानों के लिए भी बिल्कुल नुकसानदायक नहीं है। यानि यह प्लास्टिक हमारे पर्यावरण और सेहत दोनों के लिए सुरक्षित है।

वैज्ञानिकों ने क्या कहा

वैज्ञानिकों का कहना है कि यह नया प्लास्टिक अभी बहुत ज्यादा मात्रा में इस्तेमाल करने लायक नहीं है। लेकिन वे लोग ऐसा तरीका बना रहे हैं जिससे इस प्लास्टिक को अलग-अलग चीजों की पैकिंग (कोटिंग) में इस्तेमाल किया जा सके। इस प्रोजेक्ट को चलाने वाले ताकुजो आइडा नाम के वैज्ञानिक ने बताया कि कई पैकिंग कंपनियां इस प्लास्टिक में दिलचस्पी दिखा रही हैं। अगर सबकुछ सही रहा, तो यह प्लास्टिक आने वाले समय में प्लास्टिक की दुनिया में बड़ा बदलाव ला सकता है। भविष्य में इसका इस्तेमाल खाने की पैकिंग, दवाओं और मेडिकल चीजों की पैकिंग और जरूरी सामान को लपेटने में किया जा सकता है। यानि यह प्लास्टिक हमारे रोजमर्रा की चीजों में काम आ सकता है वो भी बिना नुकसान पहुंचाए।

भारत है दुनिया का सबसे बड़ा प्लास्टिक फैलाने वाला देश

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) का कहना है कि अगर हालात ऐसे ही रहे, तो साल 2040 तक समुद्र में प्लास्टिक का कचरा तीन गुना हो सकता है। हर साल 23 से 37 मिलियन टन प्लास्टिक समुद्र में जा सकता है। एक रिपोर्ट बताती है कि भारत अब दुनिया में सबसे ज्यादा प्लास्टिक फैलाने वाला देश बन गया है। हर साल भारत में करीब 5.8 मिलियन टन प्लास्टिक जलाया जाता है और लगभग 2.5 मिलियन टन प्लास्टिक इधर-उधर फेंका जाता है जैसे जमीन पर या पानी में। ऐसे में जापान की यह नई प्लास्टिक जो जल्दी घुल जाती है, भारत जैसे देशों के लिए बहुत काम की हो सकती है क्योंकि भारत में प्लास्टिक कचरे की समस्या बहुत गंभीर हो गई है।

First published on: Jun 07, 2025 12:36 PM

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