Chandrayaan-3: चंद्रयान-3 के चंद्रमा पर कदम रखते ही भारत की साख पूरी दुनिया में ऊंची हो गई है। हर कोई इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) के वैज्ञानिकों को बधाई दे रहा है, गर्व कर रहा है। कोई स्कूली छात्र हो या बॉर्डर की सुरक्षा में तैनात जवान या कोई गृहणी, हर किसी का हृदय गर्व से भर गया है। लेकिन इससे उस आम आदमी को क्या फायदा होगा, जो दो जून की रोटी बमुश्किल से जुटा पाता है। यह अपने आप में लाख टके का सवाल है।
बता दें कि 14 जुलाई को चंद्रयान-3 आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया था। 40 दिन बाद चंद्रयान-3 के लैंडर ने बुधवार को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड किया। जानें आम आदमी, इसरो और देश को क्या फायदा होने वाला है?
#WATCH | Indian Space Research Organisation’s (ISRO) third lunar mission Chandrayaan-3 makes soft-landing on the moon pic.twitter.com/vf4CUPYrsE
— ANI (@ANI) August 23, 2023
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पहले देश की बात
चंद्रमा पर सफल लैंडिंग देश के लिए काफी अहम है। आज हम उन देशों के समूह में शामिल हो गए हैं, जो चांद पर अब तक पहुंचे हैं। यह कीर्तिमान अब तक अमेरिका, रूस (सोवियत संघ) और चीन ने बनाया है। जबकि दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला भारत इकलौता देश है।
इसरो की धाक पूरी दुनिया में बढ़ी
चंद्रयान-3 की सफलता के बाद इसरो की पूरी दुनिया में धाक बढ़ गई है। अब उसका नाम दुनिया की बड़ी स्पेस एजेंसियों में शामिल हो जाएगा। पहले से ही इसरो अपने किफायती कॉमर्शियल लॉन्चिंग के लिए मशहूर है।
#WATCH | "India's successful Moon mission is not just India's alone…This success belongs to all of humanity," says PM Modi on Chandrayaan-3 mission success
India is the first country to land on lunar south pole with Chandrayaan-3 mission pic.twitter.com/eVh0N7fIpv
— ANI (@ANI) August 23, 2023
आम आदमी को क्या फायदा?
चंदमा की सतह पर लैंडर और रोवर मिलकर वायु मंडल, रसायन, भूकंप, खनिज की जांच करेंगे। इससे पूरी दुनिया को भविष्य के लिए स्टडी में मदद मिलेगी। स्पेसक्रॉफ्ट में लगे यंत्रों का इस्तेमाल भविष्य में मौसम और संचार संबंधी सैटेलाइट्स में हो सकता है। इससे किसानों को मौसम की सटीक जानकारी मिलने में मदद मिलेगी। देश की रक्षा एजेंसियों को भी फायदा मिलेगा।
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