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Religion

Rama Ekadashi 2025: भगवान विष्णु को प्रिय रमा एकादशी कब है? जानें व्रत की सही तारीख, पूजन विधि और मंत्र

Rama Ekadashi 2025: रमा एकादशी व्रत भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से धन, सौभाग्य और मोक्ष की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं, रमा एकादशी कब है यानी व्रत की सही तारीख, पूजन विधि और मंत्र क्या हैं?

Author Written By: Shyamnandan Updated: Oct 15, 2025 18:21
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Rama Ekadashi 2025: पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाने वाली एकादशी व्रत को रमा एकादशी कहा जाता है। इसे रामेश्वरी एकादशी, कृष्णा एकादशी या रमा एकादशी व्रत भी कहा जाता है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। इसका विशेष महत्व यह है कि यह दीपावली से 4 दिन पहले आता है। आपको बता दें कि ‘रमा’ शब्द का अर्थ है महालक्ष्मी, जो भगवान विष्णु की अर्धांगिनी हैं। आइए जानते हैं, रमा एकादशी कब है यानी व्रत की सही तारीख, पूजन विधि और मंत्र क्या हैं?

रमा एकादशी 2025 कब है?

रमा एकादशी के लिए इसकी एकादशी तिथि का आरंभ 16 अक्टूबर 2025, सुबह 10:35 बजे से होगा, जबकि इस तिथि की समाप्ति 17 अक्टूबर 2025, सुबह 11:12 बजे होगी। इसलिए उदयातिथि के आधार पर, रमा एकादशी व्रत 17 अक्टूबर 2025 को रखा जाएगा। आपको बता दें कि पारण यानी व्रत तोड़ने का समय 18 अक्टूबर 2025, सुबह 06:24 बजे से 08:41 बजे तक का समय उपयुक्त माना गया है।

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रमा एकादशी की पूजा विधि

  • दशमी तिथि को स्नान-ध्यान के बाद सात्विक भोजन करें, जिसमें लहसुन, प्याज और अन्य तामसी पदार्थों का त्याग करें।
  • एकादशी के दिन प्रातः ब्रह्ममुहूर्त (लगभग 4:30–5:30 बजे) में उठकर, गंगाजल या शुद्ध जल से स्नान करें।
  • स्नान के बाद पवित्र वस्त्र पहनें और पवित्र स्थान पर आसन बिछाएं।
  • घर के पूर्व दिशा की ओर मुख करके विष्णु-लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
  • तांबे या मिट्टी के दीपक में घी का दीप जलाएं।
  • जल, पुष्प और चावल लेकर संकल्प करें।
  • यदि मूर्ति हो, तो भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को पंचामृत स्नान (दूध, दही, घी, शहद, और गंगाजल) कराएँ।
  • यदि चित्र हो, तो पवित्र जल से स्नान कराएं।
  • चंदन, पुष्प, तुलसी दल, धूप, दीप और नैवेद्य (फल) अर्पित करें।
  • विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें या कम से कम ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ का 108 बार जाप करें।
  • इसके बाद ‘श्री सूक्त’ या नीचे दिए गए मौलिक मंत्र का जप करें।

रमा-वासुदेव-एकत्व मंत्र

रमा एकादशी के दिन रमा-वासुदेव-एकत्व मंत्र का जाप करें, जो मन, धन और कर्म तीनों को पवित्र करता है।

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ॐ रमे श्रीहरिणा सह वसतु मे चेतसि नित्यशः।
ददातु लक्ष्मीः श्रियम्, हरिः मोक्षं, शुभं मम जीवनम्॥

इसका अर्थ है:

‘हे रमा (लक्ष्मी) और हे वासुदेव (विष्णु), आप दोनों मेरे हृदय में सदा निवास करें।
लक्ष्मीजी मुझे शांति और सम्पन्नता दें और श्रीहरि मुझे मोक्ष एवं शुभ कर्मों का आशीर्वाद दें।’

आपको बता दें कि यह मंत्र 108 बार जपने से मानसिक शुद्धि और पारिवारिक समृद्धि दोनों की वृद्धि होती है।

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First published on: Oct 15, 2025 06:21 PM

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