Pitru Paksh 2024: हिन्दू परंपरा में पितृपक्ष के दौरान पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्धकर्म और तर्पण किया जाता है। गरुड़ पुराण में बताया गया है कि पितृपक्ष में पितरों के लिए किए जाने वाले अनुष्ठान से उनकी आत्मा को शांति मिलती है और घर परिवार में शांति बनी रहती है। वैसे तो पितृपक्ष के दिनों में कोई शुभ कार्य करने की मनाही है लेकिन धर्मग्रंथों में पितृपक्ष के दौरान जन्म लेने वाले बच्चों के स्वभाव तथा भाग्य को लेकर कुछ महत्वपूर्ण बातें बताई गई है। तो आइये जानते हैं कि पितृपक्ष के दौरान जन्म लेने वाले बच्चों का स्वभाव और भाग्य कैसा होता है?
कैसा होता है भाग्य?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जो बच्चे पितृपक्ष के दौरान जन्म लेते हैं वह उसी कुल के पूर्वज होते हैं। पितरों के आशीर्वाद से ऐसे बच्चों का भाग्य समृद्ध होता है। पितृपक्ष में जन्म लेने वाले बच्चे कलात्मक होते हैं और भविष्य में उसी क्षेत्र में अपना नाम कमाते हैं। शास्त्रों की मानें तो ऐसे बच्चों पर हमेशा उनके पूर्वजों का आशीर्वाद बना रहता है। इतना ही नहीं ज्योतिष शास्त्र ये भी कहता है कि पितृपक्ष में जन्म लेने वाले बच्चे अपने परिवार के लिए भी भाग्यशाली होते हैं। ऐसे बच्चों के जन्म लेते ही परिवार, पहले से ज्यादा खुशहाल और समृद्ध हो जाता है। लेकिन ऐसे बच्चों की कुंडली में चन्द्रमा की स्थिति कमजोर बताई जाती है। हालांकि इसे ज्योतिषीय उपायों से मजबूत किया जा सकता है।
कैसा होता है स्वाभाव?
ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि पितृपक्ष में जन्मे बच्चे काफी समझदार होते हैं। ऐसे बच्चे उम्र से ज्यादा ज्याणी भी होते हैं। ये बच्चे अपने परिवार से काफी लगाव रखते हैं और परिवार के लोगों का खूब ध्यान भी रखते हैं। ऐसे बच्चों का यश सदियों तक बना रहता है।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।