हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। हर महीने दो एकादशी आती हैं, एक शुक्ल पक्ष में और दूसरी कृष्ण पक्ष में। क्या आप जानते हैं, चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को पापमोचनी एकादशी कहा जाता है! आपको बता दें कि इस एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति अपने पूर्व जन्म और इस जन्म के पापों से मुक्त होकर मोक्ष प्राप्त करता है। इसलिए इसे पापमोचनी एकादशी कहते हैं। आइए विस्तार से जानते हैं कि पापमोचनी एकादशी का महत्व क्या है और इस साल में इसकी सही डेट और शुभ मुहूर्त क्या है?
पापमोचनी एकादशी का महत्व
पापमोचनी एकादशी का नाम ही इसका महत्व स्पष्ट करता है। यह व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी माना जाता है जो अपने किए गए पापों का प्रायश्चित करना चाहते हैं। मान्यता है कि इस व्रत को करने से न केवल पापों का नाश होता है, बल्कि व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और आध्यात्मिक शुद्धता आती है।
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संक्षेप में जानें पौराणिक कथा
स्कंद पुराण के अनुसार, च्यवन ऋषि के पुत्र मेधावी ने वन में तपस्या करते समय मंजुघोषा नामक अप्सरा से रमण किया, जिससे उनकी तपस्या भंग हुई और उन्हें पाप हुआ. मेधावी को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने मंजुघोषा को पिशाचिनी होने का श्राप दे दिया. तब मंजुघोषा ने मेधावी से अपने श्राप से मुक्ति का उपाय पूछा, तब मेधावी ने उसे चैत्र कृष्ण पक्ष की पापमोचनी एकादशी का व्रत करने की सलाह दी. मंजुघोषा ने पापमोचनी एकादशी का व्रत किया और पिशाचिनी योनि से मुक्त होकर पुनः अप्सरा बन गई.
कब है पापमोचनी एकादशी 2025?
पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि इस बार 25 मार्च 2025 को सुबह मीन 5 बजकर 5 मिनट से शुरू होगी, जो अगले दिन 26 मार्च की सुबह होने से पहले 3 बजकर 45 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। ऐसे में उदयातिथि नियम के अनुसार, पापमोचनी एकादशी का व्रत 25 मार्च को रखा जाएगा।
- एकादशी तिथि प्रारंभ: मार्च 25, 2025 को 05:05 AM बजे
- एकादशी तिथि समाप्त: मार्च 26, 2025 को 03:45 AM बजे
- व्रत पारण यानी उपवास खोलने का समय: 01:41 PM से 04:08 PM
पापमोचनी एकादशी 2025 शुभ मुहूर्त
साल 2025 के चैत्र कृष्ण एकादशी तिथि को बेहद शुभ योगों और नक्षत्रों का संयोग हो रहा है, जिससे पापमोचनी एकादशी व्रत बेहद खास बन गया है। आपको बता दें कि इस एकादशी तिथि का संयोग द्विपुष्कर योग से हो रहा है, वहीं इस दिन श्रवण और धनिष्ठा नक्षत्र का संयोग शिव और सिद्ध योग से भी बन रहा है। इस दिन के सभी शुभ मुहूर्त को आप यहां देख सकते हैं:
- ब्रह्म मुहूर्त: 04:45 AM से 05:32 AM
- अभिजित मुहूर्त: 12:03 PM से 12:52 PM
- विजय मुहूर्त: 02:30 PM से 03:19 PM
- अमृत काल मुहूर्त: 05:41 PM से 07:15 PM
- द्विपुष्कर योग मुहूर्त: 03:49 AM, मार्च 26 से 06:18 AM, मार्च 26
पापमोचनी एकादशी की व्रत विधि
- यदि आप पापमोचनी एकादशी का व्रत करना चाहते हैं, तो इन नियमों का पालन कर इस पुण्यदायी व्रत की शुरुआत कर सकते हैं:
- एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और भगवान विष्णु की पूजा करने का संकल्प लें।
- सत्संग और भक्ति करें। एकादशी के दिन भजन-कीर्तन और श्री हरि का ध्यान करना शुभ माना जाता है।
- व्रत नियमों का पालन करें और इस दिन चावल और तामसिक भोजन से परहेज करें। फलाहार कर सकते हैं या निर्जला व्रत रख सकते हैं।
- दीप जलाकर भगवान श्रीहरि विष्णु की विधिवत पूजा करें, उनको भोग लगाएं और तुलसी दल अर्पित करें। विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
- इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र और दान देने से विशेष फल मिलता है।
- जहां तक इसके पारण यानी व्रत खोलने की बात है, तो द्वादशी तिथि को ब्राह्मणों या जरूरतमंदों को भोजन कराकर और फिर स्वयं सात्विक आहार ग्रहण करके व्रत खोलें।
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