Vrishabha Sankranti 2025: हिन्दू धर्म शास्त्र में हर संक्रांति का खास महत्व होता है। साल में 12 बार संक्रांति मनाई जाती है। जब ग्रहों के राजा सूर्य, राशि में प्रवेश करते हैं तब संक्रांति मनाई जाती है। वृषभ राशि में सूर्य गोचर के कारण वृषभ संक्रांति मनाई जाएगी। 15 मई, गुरुवार को वृषभ संक्रांति मनाई जाएगी। इस दिन स्नान-दान आदि का खास महत्व होता है। सूर्य देव की पूजा-अर्चना करने का खास महत्व होता है। अगर आप गंगा स्नान के लिए नहीं जा सकते हैं या घर के पास कोई पवित्र नदी नहीं है तो घर पर ही गंगा स्नान जैसा लाभ उठा सकते हैं। आइए जानते हैं कि वृषभ संक्रांति के दिन घर पर ही कैसे गंगा स्नान किया जा सकता है और क्या शुभ मुहूर्त रहेगा?
वृषभ संक्रांति का महत्व
धार्मिक रूप से ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और पर्यावरणीय दृष्टि से भी वृषभ संक्रांति का खास महत्व होता है। इस दिन सूर्य पूजन का महत्व होता है। दान-पुण्य, तीर्थ स्नान और पितृ तर्पण के लिए वृषभ संक्रांति बहुत लाभकारी माना जाता है। इसके अलावा गौ पूजन और सेवा के लिए भी दिन खास माना जाता है।
वृषभ संक्रांति स्नान-दान का समय
हिन्दू पंचांग के अनुसार 15 मई गुरुवार को मेष राशि से निकलकर वृषभ राशि में सूर्य गोचर करेंगे। रात 12 बजकर 11 मिनट पर वृषभ राशि में सूर्य प्रवेश करेंगे। सुबह 05:57 बजे से दोपहर 12:18 मिनट तक वृषभ संक्रांति का शुभ समय रहेगा। वृषभ संक्रांति के स्नान-दान के लिए महा पुण्य काल सुबह 05:30 बजे से सुबह 07:46 बजे तक है।
घर पर इस विधि से करें गंगा स्नान
वृषभ संक्रांति के दिन घर पर ही गंगा स्नान करने जैसा फल प्रापत् करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपके पास पवित्र नदी का जल होना जरूरी है। घर में गंगा स्नान के लिए नहाने की खाली बाल्टी लें। इसमें थोड़ा सा गंगाजल और काला तिल डाल दीजिए। इसके बाद नहाने का पानी भी मिला दीजिए। अब पानी की बाल्टी को छूएं और सात बार गंगा-गंगा, मोक्षदायिनी का जाप करें। इस पानी से आप स्नान कर सकते हैं। हरी ओम नमो नारायणा कहते हुए स्नान कर सकते हैं। मान्यता अनुसार
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।