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Vivah Panchami 2025: विवाह पंचमी कब है? जानें देवी सीता और भगवान राम के पावन विवाह की सही डेट, शुभ मुहूर्त और महत्व

Vivah Panchami 2025: विवाह पंचमी 2025 भगवान श्रीराम और माता सीता के दिव्य मिलन का पावन दिन है, जो प्रेम और समर्पण का प्रतीक माना जाता है. आइए जानते हैं, इस वर्ष यह पर्व कब मनाया जाएगा, क्या है इसकी सही तारीख और पूजा का सही मुहूर्त? साथ ही जानिए, विवाह पंचमी का महत्व और इससे जुड़ी विशेष धार्मिक मान्यताएं.

Author Written By: Shyamnandan Author Published By : Shyamnandan Updated: Nov 7, 2025 15:45
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Vivah Panchami 2025: विवाह पंचमी हिंदू धर्म का एक अत्यंत पवित्र पर्व है, जो भगवान श्रीराम और माता सीता के दिव्य विवाह की स्मृति में मनाया जाता है. यह हर साल कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है. मान्यता है कि त्रेता युग में इसी दिन जनकपुरी में भगवान राम ने शिवधनुष तोड़कर देवी सीता का स्वयंवर जीता था. यह दिन न सिर्फ एक धार्मिक उत्सव है, बल्कि अटूट प्रेम, समर्पण और धर्मनिष्ठ वैवाहिक जीवन का प्रतीक भी है. आइए जानते हैं, विवाह पंचमी 2025 की सही डेट क्या है, विवाह का शुभ मुहूर्त और महत्व क्या है?

विवाह पंचमी 2025 कब है?

साल 2025 में विवाह पंचमी मंगलवार 25 नवंब को मनाई जाएगी. द्रिक पंचांग के अनुसार, पंचमी तिथि 24 नवंबर की रात 09:22 PM बजे से शुरू होगी, जो अगले दिन 25 नवंबर की रात 10:56 PM बजे तक कायम रहेगी. उदयातिथि 25 नवंबर को होने के कारण विवाह पंचमी 2025 का प्रमुख पूजन इसी दिन किया जाएगा.

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विवाह पंचमी पूजा-विधि और परंपरा

प्रचलित परंपरा और रिवाजों के अनुसार, विवाह पंचमी के दिन राम-सीता की मूर्तियों और तस्वीरों का विवाहोत्सव मनाया जाता है. घरों और मंदिरों में सुंदर सजावट की जाती है, पुष्पों और दीपों से वातावरण भक्तिमय बनता है. भक्त रामचरितमानस में वर्णित ‘राम-सीता विवाह कांड’ का पाठ करते हैं. भक्त लोग भजन-कीर्तन से प्रभु राम और माता सीता की स्तुति करते हैं. वहीं, कई श्रद्धालु इस दिन व्रत रखकर शाम को आरती और पूजन करते हैं.

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विवाह पंचमी 2025: शुभ मुहूर्त

विवाह पंचमी पूरे दिन का आयोजन है, लेकिन हिन्दू विवाह की प्रचलित परंपरा की तरह यह विशेष तौर पर विवाह की रस्म 25 नवंबर 2025 को रात में मनाया जाएगा. वहीं विशेष पूजा इन मुहूर्तों में की जा सकती है:

  • अभिजित मुहूर्त: 11:47 ए एम से 12:29 पी एम
  • विजय मुहूर्त: 01:53 पी एम से 02:36 पी एम
  • अमृत काल: 05:00 पी एम से 06:45 पी एम

विवाह पंचमी पूजन से लाभ

धार्मिक मान्यता है कि विवाह पंचमी पर श्रद्धा से पूजा करने से वैवाहिक जीवन में सौहार्द बढ़ता है. पति-पत्नी के बीच का कलह समाप्त होता है और जिनके विवाह में अड़चनें हैं, उन्हें शीघ्र योग्य जीवनसाथी की प्राप्ति होती है. यह दिन प्रेम और विश्वास के बंधन को मजबूत करने का प्रतीक माना जाता है.

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है और केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.

First published on: Nov 07, 2025 03:45 PM

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