---विज्ञापन---

Religion

आज रखा जाएगा Vikata Sankashti Chaturthi का व्रत, जानें गणेश जी की पूजा का शुभ मुहूर्त

Vikata Sankashti Chaturthi 2024: आज यानी 27 अप्रैल 2024 को विकट संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा। आज विशेषतौर पर गणेश जी की उपासना की जाती है। आइए जानते हैं विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत की पूजा विधि के बारे में।

Author Edited By : Nidhi Jain Updated: Apr 27, 2024 08:06
Vikata Sankashti Chaturtgahi 2024

Vikata Sankashti Chaturtgahi 2024: हिंदू धर्म में हर एक चतुर्थी और व्रत का विशेष महत्व है। हर एक चतुर्थी किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित होती है, जिस दिन विशेषतौर पर उनकी पूजा-अर्चना की जाती है।

हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन विकट संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाता है। यह दिन भगवान गणेश को समर्पित होता है। देश के कई राज्यों में इस तिथि को संकष्टी चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है।

---विज्ञापन---

धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन जो लोग व्रत रखते हैं और गणेश जी की पूजा करते हैं, उनके घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। आइए अब जानते हैं इस साल विकट संकष्टी चतुर्थी कब है और इस दिन गणेश जी की पूजा करने का शुभ मुहूर्त क्या है?

ये भी पढ़ें- Shani Nakshtra: शनि का नक्षत्र परिवर्तन इन राशियों के लिए रहेगा शुभ, होगा धन लाभ

---विज्ञापन---

विकट संकष्टी चतुर्थी की पूजा का शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल वैशाख मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का आरंभ 27 अप्रैल को सुबह 08:17 से हो रहा है, जिसका समापन 28 अप्रैल को प्रातः काल 08:21 पर होगा। ऐसे में विकट संकष्टी चतुर्थी का व्रत आज यानी 27 अप्रैल 2024 को रखा जाएगा।

आज आप गणेश जी की पूजा सुबह 9 बजे से लेकर 10 बजे के बीच कर सकते हैं।

विकट संकष्टी चतुर्थी की पूजा विधि

  • विकट संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा करने के लिए प्रात: काल उठें।
  • स्नान आदि करने के बाद शुद्ध कपड़े धारण करें।
  • इसके बाद अपने घर के मंदिर में एक चौकी लगाएं और उस पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं।
  • उस पर भगवान गणेश की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें।
  • भगवान गणेश का कुमकुम से तिलक करें और उन्हें पीले फूल अर्पित करें।
  • इसके बाद उन्हें मोदक का भोग लगाएं। इस दौरान गणेश मंत्र का जाप करते रखें।
  • गणेश जी की तस्वीर के सामने देसी घी का दीपक जलाएं और आरती करें।
  • अंत में विकट संकष्टी चतुर्थी के व्रत का संकल्प लें।

यह भी पढ़ें- 18 साल बाद राहु-शुक्र की होगी युति, 3 राशियों की बदल जाएगी किस्मत

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है।News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। 

First published on: Apr 21, 2024 01:03 PM

संबंधित खबरें