---विज्ञापन---

Vastu Shastra: पितृपक्ष में वास्तु के इन 3 उपाय से मिलेगी पितरों की आत्मा को शांति, बन जाएंगे बिगड़े काम!

Vastu Shastra: पितृपक्ष 2024 शुरू हो चुका है, जो 2 अक्टूबर को सर्वपितृ अमावस्या के दिन अंतिम तर्पण और पिंडदान से समाप्त होगा। वास्तु शास्त्र में पूर्वजों और पितरों की आत्मा की शांति के लिए कुछ खास उपाय बताए गए हैं। आइए जानते हैं, क्या हैं ये वास्तु उपाय जिनसे लाभ होता है और बिगड़े काम भी बन जाते हैं?

Edited By : Shyam Nandan | Updated: Sep 20, 2024 10:12
Share :
vastu-shastra-simple-vastu-remedies-on-Pitru-Paksha

Vastu Shastra: हिन्दू धर्म में पितृपक्ष को पूर्वजों और पितरों को याद करने और उन्हें श्रद्धांजलि देने का एक उत्तम समय माना गया है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, इस दौरान कुछ विशिष्ट उपायों से भी हम पितरों की आत्मा की शांति सुनिश्चित कर सकते हैं और उनके आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। वहीं यदि आप पितृदोष से पीड़ित हैं या आपका काम बनते-बनते बिगड़ जाता है, तो यहां बताए गए कुछ ख़ास वास्तु उपायों को करने से आपको लाभ हो सकता है। मान्यता है कि इन उपायों को पितृपक्ष में करने से घर-परिवार पर पितरों की कृपा बनी रहती है और सुख-शांति और समृद्धि में सदैव वृद्धि होती है।

घर के दक्षिण-पश्चिम कोने में करें ये काम

वास्तु के अनुसार घर के दक्षिण-पश्चिम कोने को पितृ स्थान या पूर्वजों से संबंधित स्थान माना जाता है। इस कोने को नैऋत्य कोण भी कहते हैं। ऐसे में पितृपक्ष के दौरान दक्षिण दिशा में दीया जलाएं। इससे पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और वे प्रसन्न रहते हैं। इस उपाय से जो भी ग्रह दोष होता है वे धीरे-धीरे दूर हो जाते हैं। इस सरल उपाय को पूरे पितृपक्ष के दौरान हर शाम करें। पितरों के आशीर्वाद से बिगड़े हुए काम भी बनने लगते हैं।

---विज्ञापन---

ये भी पढ़ें: Chandra Grahan 2025: क्या अगले साल पितृपक्ष में फिर लगेगा चंद्र ग्रहण, जान लीजिए 2025 के ग्रहण की तिथियां

पितृपक्ष में करें इनका पौधरोपण

वास्तु शास्त्र के अनुसार, पितृपक्ष में कुछ विशेष पौधों को लगाने से पितर और पूर्वज प्रसन्न होते हैं। इन पौधों को लगाने के लिए वास्तु शास्त्र में पितृ दिशा यानी दक्षिण-पश्चिम दिशा को बेस्ट बताया गया है। इस शास्त्र के मुताबिक, पितृपक्ष में घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में नीम और बेल के पौधे लगाने पितर प्रसन्न रहते है। मान्यता है कि पितृपक्ष में तुलसी का पौधा लगाने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।

---विज्ञापन---

पूर्वजों और पितरों चढ़ाएं ये फूल माला

पितृपक्ष में माता-पिता और खानदान के दिवंगत व्यक्तियों की तस्वीर घर में स्थापित की जाती है। इससे भी पितर प्रसन्न होते हैं। इन तस्वीरों का सबसे बढ़िया साथ घर की दक्षिणी दीवाल को माना गया है। यदि तस्वीर किसी पुरुष की है, तो उस पर सफेद लकड़ी के फूलों की माला लगाने और यदि फोटो किसी महिला की है, उनपर लाल लकड़ी से बने फूलों की माला अर्पित करें। बता दें, मृतकों और पूर्वजों की तस्वीर पर लकड़ी के फूलों की माला चढ़ाने की परंपरा काफी प्राचीन और वास्तु सम्मत है।

ये भी पढ़ें: Sharad Purnima 2024: चांद की रोशनी में क्यों रखते हैं खीर? जानें महत्व और नियम

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

HISTORY

Written By

Shyam Nandan

First published on: Sep 20, 2024 10:12 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें