Vaishakha Purnima Date 2024: वैदिक पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह पूर्णिमा तिथि को पूर्णिमा का व्रत रखा जाता है। इस समय वैशाख का महीना चल रहा है और वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को वैशाख पूर्णिमा मनाई जाएगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, वैशाख पूर्णिमा को ही बुद्ध पूर्णिमा कहते हैं। क्योंकि इस दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, वैशाख पूर्णिमा के दिन दान, स्नान, जप, तप और पूजा आदि का विशेष महत्व होता है। यह पूर्णिमा की तिथि सभी पूर्णिमा में खास मानी जाती है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, वैशाख पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने का बहुत ही बड़ा महत्व है। जो लोग इस दिन गंगा स्नान करते हैं उन्हें सभी कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। ज्योतिषियों का मानना है कि इस बार वैशाख पूर्णिमा की तिथि पर भद्रा का साया रहने वाला है। तो आज इस खबर में जानेंगे कि भद्रा का साया कब से कब तक रहेगा। साथ ही इसका प्रभाव क्या पड़ेगा।
कब है वैशाख पूर्णिमा
वैदिक पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन वैशाख पूर्णिमा का व्रत रखा जाता है। इस बार वैशाख पूर्णिमा का व्रत 23 मई 2024 आज रखा जाएगा। ज्योतिषियों का मानना है कि वैशाख पूर्णिमा के दिन कई सारे शुभ संयोग भी बन रहे हैं। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, शिव वास योग और अमृत सिद्धि योग का निर्माण होगा। ऐसे में वैशाख पूर्णिमा का महत्व और अधिक बढ़ गया है। इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी और जगत के पालनहार भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है।
वैशाख पूर्णिमा का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो लोग वैशाख पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की आराधना करते हैं उन्हें सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु अपनी कृपा बनाए रखते हैं। जो लोग इस दिन उपवास करते हैं उन्हें कभी भी धन की कमी नहीं होती है। कर्ज समस्या से मुक्ति मिल जाती है। बता दें कि इस बार वैशाख माह की पूर्णिमा तिथि पर भाद्रा का साया रहेगा। लेकिन इसका प्रभाव निष्क्रिय रहेगा।
पूर्णिमा तिथि की शुभ मुहूर्त
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, वैशाख पूर्णिमा की शुरुआत 22 मई 2024 को शाम 5 बजकर 42 मिनट पर होगी और समाप्ति अलगे दिन यानी 23 मई को 6 बजकर 42 मिनट पर होगी। उदया तिथि के अनुसार, पूर्णिमा का व्रत 23 मई आज रखा जाएगा। ज्योतिषियों के अनुसार, पूर्णिमा के दिन मृत्युलोक में भद्रा का साया है लेकिन यह मान्य नहीं रहेगा। क्योंकि पूर्णिमा के दिन भद्रा 6 बजकर 32 मिनट पर ही समाप्त हो जाएगा। इसलिए पूर्णिमा के दिन दान-स्नान आदि कर सकते हैं।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिषीय मान्यताओं पर आधारित हैं और केवल जानकारी के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।