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Tulsi Vivah 2025 Vrat Katha: आज है तुलसी-शालिग्राम का विवाह, पढ़ें ‘तुलसी विवाह की कथा’ इसके बिना अधूरा है व्रत

Tulsi Vivah 2025 Vrat Katha: आज तुलसी विवाह का पर्व मनाया जा रहा है. तुलसी विवाह के शुभ अवसर पर तुलसी जी का विवाह भगवान शालिग्राम से कराया जाता है. आज भक्त घरों और मंदिरों में तुलसी विवाह का आयोजन करते हैं. इस दिन आपको तुलसी विवाह की कथा को जरूर पढ़ना और सुनना चाहिए.

Author Written By: Aman Maheshwari Author Published By : Aman Maheshwari Updated: Nov 2, 2025 07:26
Tulsi Vivah 2025 Vrat Katha

Tulsi Vivah Vrat Katha in Hindi 2025: आज कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि के दिन तुलसी विवाह का व्रत है. तुलसी विवाह के दिन तुलसी जी और शालिग्राम भगवान की पूजा की जाती है और विवाह कराया जाता है. तुलसी विवाह के दिन आपको तुलसी माता की पूजा आरती करनी चाहिए और साथ ही शालिग्राम भगवान की पूजा और आरती करनी चाहिए. तुलसी विवाह कराने से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है और आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलता है. आपको आज तुलसी विवाह के दिन तुलसी विवाह की कथा को जरूर पढ़ना चाहिए. आपको तुलसी विवाह पर इस कथा का पाठ करना चाहिए.

तुलसी विवाह व्रत कथा (Tulsi Vivah Vrat Katha)

महादेव ने अपने तेज को समुद्र में फेंक दिया था. जिसके बाद इस तेज से महातेजस्वी बालक जालंधर का जन्म हुआ. यह बाद में पराक्रमी दैत्य राजा बना. इसकी राजधानी जालंधर नगरी थी. दैत्यराज कालनेमी की कन्या वृंदा से शादी हुई. दैत्यराज ने सत्ता के मद में चूर होकर मां लक्ष्मी को पाने की इच्छा की. लेकिन मां लक्ष्मी ने अपने भाई के रूप में स्वीकार किया. वह पार्वती देवी को पाने के लालच से कैलाश पर्वत गया. वह भगवान शिव का रूप धारण करके गया लेकिन मां पार्वती ने उसे पहचान लिया. उसके ऊपर भगवान विष्णु क्रोधित हुए.

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दैत्य राजा जालंधर की पत्नी पतिव्रत थी. उसकी पतिव्रत धर्म की शक्ति के कारण वह मारा नहीं जाता और पराजित नहीं होगा. उसे मारने के लिए वृंदा का पतिव्रत धर्म भंग करना जरूरी था. इसके लिए भगवान विष्णु ऋषि का वेश धारण कर वन में गए. वहां उन्होंने अपने साथ लेकर गए दो मायावी राक्षसों को भस्म कर दिया. इसके बाद वृंदा ने अपने पति के बारे में पूछा. उन्होंने दो वानर को प्रकट किया एक के हाथ में दैत्य राजा का सिर और दूसरे के हाथ में धड़ था. उन्होंने अपने पति को जीवित करने के लिए कहा.

ये भी पढ़ें – Tulsi Vivah 2025: आज है तुलसी विवाह, यहां जानिए संपूर्ण विधि, पूजा सामग्री, मंत्र और शुभ मुहूर्त

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इसके बाद भगवान विष्णु ने जालंधर का सिर धड़ से जोड़ दिया और खुद शरीर में प्रवेश कर गए. इसके बाद वृंदा उनके साथ पतिव्रता व्यवहार करने लगी. इसके बाद उसका सतीत्व भंग हो गया. इसके बाद जालंधर युद्ध में हार गया. जब वृंदा को यह पता चला तो भगवान विष्णु को ह्रदयहीन शिला होने का श्राप दे दिया. भगवान विष्णु शालिग्राम पत्थर बन गए. भगवान विष्णु को श्राप देने के बाद वह स्वयं आत्मदाह हो गई. इसके बाद तुलसी का पौधा उग गया. इसके बाद भगवान विष्णु ने तुलसी से सदा के रूप में विवाह किया. तभी से कार्तिक माह की देवउठनी एकादशी पर तुलसी और शालीग्राम का विवाह किया जाता है.

तुलसी विवाह पूजा विधि (Easy Tulshi Mata Puja Vidhi)

तुलसी विवाह के दिन लकड़ी की चौकी लगाकर तुलसी का पौधा और शालिग्राम भगवान रखें. इसके बाद लाल चुनरी से मंडप तैयार करें. तुलसी जी और शालिग्राम भगवान की पूजा करें. शालिग्राम को हाथ में लेकर तुलसी के पौधे के पास सात बार परिक्रमा लगाएं. यह काम घर के किसी पुरुष को करना चाहिए.

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है और केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.

First published on: Nov 02, 2025 07:26 AM

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