Tortoise Ring: कभी आपने सोचा है कि एक छोटी-सी अंगूठी आपकी किस्मत बदल सकती है? भारतीय वास्तु शास्त्र और चीनी वास्तु फेंगशुई में ऐसी ही मान्यता कछुए की अंगूठी को लेकर है। माना जाता है कि यह अंगूठी न सिर्फ धन-संपत्ति को आकर्षित करती है, बल्कि जीवन में सुख-शांति और मानसिक संतुलन भी लाती है। पर सही तरीके से पहनना और कुछ जरूरी नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है।
क्यों खास है कछुए की अंगूठी?
कछुआ हिन्दू धर्म में भगवान विष्णु के कूर्म अवतार का प्रतीक है, जो समुद्र मंथन के समय प्रकट हुए थे। यही वजह है कि सदियों से कछुए की मूर्ति, चित्र या अंगूठी को घर में शुभ माना जाता है। साथ ही, फेंगशुई में भी कछुआ सकारात्मक ऊर्जा और धन की वर्षा का प्रतीक माना गया है।
कछुए की अंगूठी के लाभ
कहते हैं कि जो लोग इस अंगूठी को सही ढंग से पहनते हैं, उनके जीवन से गरीबी दूर हो जाती है। यह धन को आकर्षित करती है और धन संचय में मदद करती है।
- क्रोध पर नियंत्रण: यह अंगूठी मानसिक शांति प्रदान करती है और जल्दी गुस्सा आने की समस्या को कम करती है।
- सफलता और उन्नति: हर क्षेत्र में सफलता और तरक्की के योग बढ़ते हैं।
- पारिवारिक सुख-शांति: घर के माहौल को सकारात्मक बनाती है और रिश्तों में सामंजस्य बनाए रखती है।
इन राशियों के लिए है विशेष शुभ
कछुए की अंगूठी (Tortoise Ring) लगभग सभी राशियों के लिए शुभ मानी जाती है। लेकिन मकर (Capricorn) और वृषभ (Taurus) राशि वालों के लिए यह विशेष लाभकारी होती है। यह उनके जीवन में प्रगति, धन और स्थिरता का संचार करती है।
कछुए की अंगूठी पहनने के नियम
हमेशा चांदी की कछुए की अंगूठी ही अंगूठी पहनें, क्योंकि यह धातु मां लक्ष्मी की कृपा को आकर्षित करती है।
- इसे हमेशा शुक्रवार को पहनें। इस दिन को इसे पहनना विशेष शुभ माना जाता है।
- इसे धारण करते समय ये धार्मिक प्रक्रिया अपनाएं: अंगूठी को पहले दूध और फिर गंगाजल से शुद्ध करें, श्रीसूक्त का पाठ कर माता लक्ष्मी के चरणों में रखकर धारण करें।
- कछुए की मुंह की दिशा हमेशा अपनी ओर रखें। मान्यता इससे धन और सकारात्मक ऊर्जा आपकी ओर आकर्षित होती है।
- इसे हमेशा मध्यमा उंगली में पहनें, क्योंकि यह उंगली बुद्धि और स्थिरता से जुड़ी होती है। ज्योतिष के सुझाव से इसे तर्जनी उंगली में भी पहन सकते हैं।
बिल्कुल न करें ये 3 गलतियां
1. कर्क, वृश्चिक और मीन राशि वालों को कछुए की अंगूठी (Tortoise Ring) नहीं पहननी चाहिए, क्योंकि इनके स्वभाव में यह ठंडापन और मानसिक असंतुलन बढ़ा सकती है।
2. चांदी के अलावा अन्य धातु, जैसे सोने, पीतल या अन्य धातुओं से बनी अंगूठी न पहनें, इससे नकारात्मक प्रभाव हो सकता है। लेकिन, यदि कोई विशेष ज्योतिष उपाय हो, तब ज्योतिष की सलाह इसे सोना में बनवाया जा सकता है।
3. सही दिशा और उंगली की अनदेखी न करें। मुंह की दिशा और उंगली का ध्यान न रखने से अंगूठी अपना शुभ प्रभाव नहीं दिखा पाएगी।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।