Kalsarp Dosh: क्या आपने कभी सपनों में सांप देखे हैं? या मृत परिजनों का अचानक सपना आया हो? यदि हां, तो ये संकेत हो सकते हैं कि आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यह दोष व्यक्ति के जीवन में कई तरह की बाधाएं और परेशानियां लाता है। आइए, आसान भाषा में समझते हैं कि कालसर्प दोष क्या है, इसके लक्षण क्या हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है यानी इसके प्रभाव को कम या समाप्त करने के उपाय क्या हैं?
कालसर्प दोष क्या है?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कालसर्प दोष तब बनता है जब जन्म कुंडली के सभी ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाते हैं। यह एक अशुभ योग माना जाता है, जो मानसिक, आर्थिक और पारिवारिक जीवन को प्रभावित कर सकता है।
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सपनों के जरिए कैसे पता चले कालसर्प दोष?
यदि आपकी कुंडली में यह दोष है, तो ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुछ खास प्रकार के सपने बार-बार आ सकते हैं:
सांपों का दिखना: सपनों में सांपों का पीछा करना, शरीर पर रेंगना या डसना कालसर्प दोष का सीधा संकेत है।
मृत परिजनों का दिखना: पूर्वजों या मृत संबंधियों के दर्शन यह दर्शाते हैं कि कुछ अधूरी इच्छाएं या समस्याएं हैं।
गला दबना या डूबना: सपनों में सांस रुकना, डूबना या घुटन महसूस होना मानसिक दबाव को दर्शाता है।
अनजाना डर: ऊंचाई से गिरने या खतरा महसूस होना भी इस दोष का लक्षण हो सकता है।
कालसर्प दोष का जीवन पर असर
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कालसर्प दोष का असर सिर्फ सपनों तक ही सीमित नहीं होता। यह जीवन के हर क्षेत्र में बाधाएं पैदा कर सकता है:
वैवाहिक जीवन के तनाव: वैवाहिक जीवन में तनाव देखा जाता है, जिसमें जीवनसाथी से मनमुटाव या रिश्तों में दरार उत्पन्न हो सकती है।
संतान संबंधी समस्याएं: संतान संबंधी समस्याएं सामने आती हैं, जैसे संतान प्राप्ति में देरी या संतान को लेकर मानसिक चिंता।
करियर में रुकावटें: करियर में रुकावटें अनुभव होती हैं, जिसमें नौकरी या व्यापार में बार-बार असफलता का सामना करना पड़ता है।
मानसिक अशांति: मानसिक अशांति बनी रहती है, जिसमें व्यक्ति चिंता, तनाव और भय जैसी स्थितियों से घिरा रहता है।
कालसर्प दोष से मुक्ति के आसान उपाय
यदि ये लक्षण आप में दिख रहे हैं, तो ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इन उपायों को अपनाना लाभदायक होता है:
शिवलिंग पर जल अर्पित करें: रोज सुबह शिवजी को जल चढ़ाएं, विशेषकर सोमवार और सावन के महीने में।
मंत्र जाप करें: महामृत्युंजय मंत्र या “ॐ नागकुलाय विद्महे…” मंत्र का जाप करें।
शनिवार को ये उपाय करें: बहते जल में एक टुकड़ा कोयला, काजल या काली राख प्रवाहित करें।
इनका जल विसर्जन करें: एक जटा वाला नारियल और मसूर दाल को नदी में प्रवाहित करें।
कालसर्प दोष शांति पूजा: किसी योग्य पंडित से कालसर्प दोष की शांति के लिए विशेष पूजा करवाएं।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।