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Religion

Skanda Sashti 2025: श्रावण स्कंद षष्ठी आज, जानें कार्तिकेय की पूजा का शुभ मुहूर्त, विधि, मंत्र और आरती

Skanda Sashti 2025: प्रत्येक माह की षष्ठी तिथि भगवान कार्तिकेय को समर्पित होती है, जिस दिन स्कंद षष्ठी का पर्व मनाया जाता है। इस समय सावन का महीना चल रहा है। इसलिए इस माह में आने वाली स्कंद षष्ठी को श्रावण स्कंद षष्ठी भी कह सकते हैं। आज 30 जुलाई 2025, वार बुधवार को श्रावण स्कंद षष्ठी है। चलिए अब जानते हैं स्कंद षष्ठी की पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि, मंत्र और आरती के बारे में।

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Nidhi Jain Updated: Aug 5, 2025 08:39
Skanda Sashti 2025
Cedit- Social Media

Skanda Sashti 2025: आज 30 जुलाई 2025, वार बुधवार को स्कंद षष्ठी है। इस बार स्कंद षष्ठी सावन माह में पड़ रही है, जिस कारण इसे श्रावण स्कंद षष्ठी भी कह सकते हैं। स्कंद षष्ठी के दिन भगवान शिव और देवी पार्वती के पुत्र भगवान कार्तिकेय की पूजा की जाती है। भगवान कार्तिकेय को देवताओं के सेनापति और युद्ध के देवता माना जाता है, जिनका एक नाम स्कंद भी है। इसी वजह से इस तिथि को स्कंद षष्ठी कहते हैं। जहां कुछ लोग इस तिथि पर भगवान कार्तिकेय की पूजा करते हैं, वहीं कई जातक व्रत रखते हैं।

धार्मिक मान्यता के अनुसार, जो लोग सच्चे मन से स्कंद षष्ठी के दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा करते हैं, उनके आत्मविश्वास, साहस और शक्ति में वृद्धि होती है। इसके अलावा विरोधियों से छुटकारा और संतान सुख के लिए भी स्कंद षष्ठी का व्रत रखा जाता है। चलिए अब जानते हैं श्रावण स्कंद षष्ठी यानी आज भगवान कार्तिकेय की पूजा का शुभ मुहूर्त, विधि, मंत्र और आरती आदि के बारे में।

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स्कंद षष्ठी की पूजा विधि

  • ब्रह्म मुहूर्त में उठें।
  • स्नान आदि कार्य करने के बाद लाल या नारंगी रंग के कपड़े धारण करें।
  • घर के मंदिर की साफ-सफाई करें और फिर एक चौकी स्थापित करें।
  • चौकी पर भगवान कार्तिकेय की तस्वीर स्थापित करें।
  • हाथ में जल या अक्षत लेकर व्रत का संकल्प लें।
  • देवता को गंगा जल, चंदन, पीले फूल, फल और मिठाई अर्पित करें। इस दौरान भगवान कार्तिकेय को समर्पित मंत्रों का जाप करें।
  • देसी घी का एक दीपक जलाएं।
  • आरती करके पूजा का समापन करें।
  • व्रत का पारण करने से पहले दान जरूर करें।

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स्कंद षष्ठी व्रत के नियम

जो लोग स्कंद षष्ठी का व्रत रखते हैं, वो फल और जल का सेवन कर सकते हैं। लेकिन फलाहार दिन में केवल एक बार ही करें। इसके अलावा तामसिक भोजन और नकारात्मक चीजों से दूर रहें। साथ ही दिन में सोने से बचें और किसी से झगड़ा न करें।

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स्कंद षष्ठी व्रत का पारण कब होगा?

धार्मिक मान्यता के अनुसार, स्कंद षष्ठी के व्रत का पारण अगले दिन भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद करना चाहिए। व्रत वाले दिन जो प्रसाद आपने भगवान को अर्पित किया है, उसी से व्रत का पारण करें। द्रिक पंचांग के अनुसार, 31 जुलाई को सुबह 05:42 मिनट पर सूर्योदय होगा, जिसके बाद आप व्रत का पारण कर सकते हैं।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: Jul 30, 2025 08:09 AM

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