Astro Tips: भारतीय संस्कृति में काला धागा बांधने की प्रथा बहुत पुरानी है। लोग इसे नजर से बचाव, बुरी शक्तियों से रक्षा और सौभाग्य के लिए बांधते हैं। खासकर लड़कियां पैर में काला धागा बांधती हैं। हिंदू शास्त्रों, जैसे गृह्य सूत्र और ज्योतिष शास्त्र, में काले धागे का उल्लेख कई जगहों पर मिलता है। इसे रक्षा सूत्र या तांत्रिक उपाय के रूप में देखा जाता है। अथर्ववेद में कुछ मंत्रों और अनुष्ठानों में काले रंग के धागे का उपयोग नकारात्मक ऊर्जा और बुरी नजर से बचाव के लिए बताया गया है। काला रंग शनि और राहु जैसे ग्रहों से जुड़ा होता है, जो नकारात्मक प्रभावों को नियंत्रित करने में मदद करता है।
हालांकि, शास्त्रों में यह स्पष्ट रूप से नहीं कहा गया कि केवल लड़कियों को ही पैर में काला धागा बांधना चाहिए। यह प्रथा अधिकतर लोक परंपराओं और क्षेत्रीय मान्यताओं से प्रेरित है। शास्त्रों के अनुसार, धागा बांधने का उद्देश्य व्यक्ति की रक्षा करना और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाना है। यह इस बात पर निर्भर नहीं करता है कि वह महिला है या पुरुष है।
लड़कियों को पैर में क्यों बांधना चाहिए काला धागा?
कई ज्योतिषियों का मानना है कि लड़कियां नजर दोष का शिकार जल्दी हो सकती हैं। काला धागा नकारात्मक ऊर्जा को अवशोषित करके उन्हें नजर दोष से बचाता है। स्कंद पुराण में रक्षा सूत्र की महिमा बताई गई है, जो बुरी नजर से बचाव करता है। वहीं, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार काला रंग शनि और राहु ग्रह से संबंधित है। अगर किसी लड़की की कुंडली में शनि या राहु का अशुभ प्रभाव हो, तो काला धागा बांधने से इन ग्रहों का प्रभाव कम हो सकता है।
कुछ तांत्रिक और आयुर्वेदिक मान्यताओं के अनुसार, पैरों में काला धागा बांधने से शरीर की ऊर्जा संतुलित रहती है। यह खासकर टखने के आसपास बांधा जाता है, जो शरीर के निचले हिस्से में रक्त संचार को बेहतर करने में मदद करता है। कई समुदायों जैसे उत्तर भारत में काला धागा बांधना एक सामान्य प्रथा है। इसे सौभाग्य, दीर्घायु और सुरक्षा का प्रतीक माना जाता है। खासकर किशोरावस्था में प्रवेश करने वाली लड़कियों के लिए यह प्रथा प्रचलित है।
कैसे बांधें काला धागा?
काला धागा बांधने के लिए शुभ दिन जैसे शनिवार, मंगलवार या अमावस्या आदि चुनें। शास्त्रों में शनिवार को शनि से संबंधित कार्यों के लिए उत्तम माना जाता है। सबसे पहले स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहनें। काले धागे को गंगाजल से शुद्ध करें। इसके बाद फिर ‘ॐ नमः शिवाय’ या ‘ॐ शं शनैश्चराय नमः’ मंत्र का 21 बार जाप करें। धागे को दाहिने पैर के टखने पर सात गांठों के साथ बांधें। धागा बांधने से पहले किसी जानकार पंडित या ज्योतिषी से सलाह लें। इसे नियमित रूप से बदलें, खासकर अगर यह गंदा या पुराना हो जाए।
काल धागा किनको नहीं बांधना चाहिए?
शास्त्रों में यह अनिवार्य नहीं बताया गया कि लड़कियों को पैर में काला धागा बांधना ही चाहिए। यह अधिकतर लोक परंपराओं का हिस्सा है। मनुस्मृति और गृह्य सूत्र जैसे ग्रंथों में ऐसी प्रथा का कोई विशेष उल्लेख नहीं मिलता है। वहीं, कुछ लोग मानते हैं कि काला धागा बांधने से नकारात्मक ऊर्जा आकर्षित हो सकती है, खासकर अगर इसे बिना शुद्धिकरण या मंत्र जाप के बांधा जाए। बिना उचित विधि के धागा बांधना शास्त्रों के अनुसार प्रभावहीन हो सकता है। वैज्ञानिक रूप से काले धागे का कोई प्रत्यक्ष लाभ सिद्ध नहीं हुआ है। यह प्रथा पूरी तरह आस्था और विश्वास पर आधारित है।
वहीं, ज्योतिष के अनुसार, हर व्यक्ति की कुंडली अलग होती है। अगर किसी लड़की की कुंडली में चंद्रमा, शुक्र या गुरु का प्रभाव अधिक हो, तो काला धागा बांधना अनावश्यक या विपरीत प्रभाव डाल सकता है। ऐसे में ज्योतिषी से सलाह लेना जरूरी है। इन लोगों को काला धागा नहीं बांधना चाहिए।
किसे और कैसे बांधे काला धागा?
महिलाएं इसे बाएं हाथ और पुरुष दाएं हाथ में इसे पहन सकते हैं। यह आपको बुरी नजर लगने से बचाता है। जिनकी कुंडली में शनि कमजोर हो, उन्हें कमर में काला धागा पहनना चाहिए और शनि मजबूत हो तो गर्दन या हाथ में काला धागा बांध सकते हैं।
क्या कहते हैं शास्त्र?
अथर्ववेद और ज्योतिष शास्त्र में रक्षा सूत्र का उल्लेख है, लेकिन यह पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए है। काला धागा खासकर शनि और राहु से संबंधित उपायों में उपयोग होता है। स्कंद पुराण और पद्म पुराण में रक्षा सूत्र को सौभाग्य और सुरक्षा का प्रतीक बताया गया है, लेकिन इसे पैर में बांधने की अनिवार्यता नहीं है। शास्त्रों में यह भी कहा गया है कि कोई भी उपाय तभी प्रभावी होता है जब उसे पूर्ण श्रद्धा और सही विधि के साथ किया जाए।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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