Sheetala Ashtami 2025: होली के बाद आने वाली अष्टमी तिथि पर शीतला अष्टमी व्रत किया जाता है। इस पर्व को बसौड़ा और बसियौरा पूजा के नाम से भी जाना जाता है। खासतौर पर मां शीतला की पूजा-अर्चना की जाती है। इस दौरान एक दिन पुराना खाना यानी बासी खाने का शीतला माता को भोग लगाया जाता है। उत्तर भारत में बड़ी ही श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। अपने परिवार में सुख-शांति और बच्चों से लेकर सभी परिवार के लोगों को चरम रोग से दूर रखने के लिए भी महिलाएं शीतला अष्टमी के दिन माता पूजती हैं। मान्यता है कि माता शीतला को बासी भोग के साथ पूजने से संक्रामक रोगों से बचाव होता है।
कुछ लोग शीतला सप्तमी के दिन भी माता शीतला की पूजा करते हैं। इस बार 21 मार्च शुक्रवार को रात 2 बजकर 44 मिनट पर शीतला सप्तमी शुरू होगी और 22 मार्च को सुबह 4 बजकर 22 मिनट पर तिथि की समाप्ति होगी। जबकि, अष्टमी तिथि की शुरुआत 22 मार्च शनिवार को सुबह 4 बजकर 30 पर होगी। ऐसे में शीतला अष्टमी व्रत और पूजा आदि को 22 मार्च को किया जाएगा। अष्टमी तिथि की समाप्ति 23 मार्च रविवार को सुबह 05 बजकर 23 मिनट पर होगी। आइए जानते हैं कि शीतला अष्टमी के दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं?
शीतला अष्टमी के दिन क्या करें?
शीतला अष्टमी के दिन बासी खाना खाएं। एक दिन पहले बने खाने का सेवन करना चाहिए। इस दिन ताजा खाना न तो खाया जाता है और ना ही बनाया जाता है। शीतला माता को भोग के रूप में बासी खाना खिलाएं और फिर प्रसाद के रूप में सेवन करें। प्रसाद में मीठे चावल, हलवा, पूरी, दिन, पकोड़े आदि पकवान को शामिल किया जा सकता है।
शीतला अष्टमी के दिन क्या न करें?
1. चूल्हा न जलाएं
शीतला अष्टमी के दिन भूलकर भी चूल्हा नहीं जलाना चाहिए। ताजा खाना बनाने और खाने की मनाही होती है। बासी भोजन को खाने की परंपरा होती है। मान्यता है कि माता शीतला की उस व्यक्ति पर खास कृपा होती है जो अष्टमी के दिन ताजा खाना नहीं बनाता और गैस-चूल्हा भी नहीं जलाता है।
2. न करें खाने को गरम
शीतला अष्टमी के दिन खाने को गर्म करके नहीं खाना चाहिए। इस दिन ठंडा और बासी खाना खाया जाता है। गरम करके खाना खाने पर माता शीतला की कृपा नहीं होती है और वो अप्रसन्न हो जाती हैं।
3. चाय या कॉफी न करें सेवन
जैसा कि हमें आपको बताया कि शीतला अष्टमी के दिन ठंडा खाना खाते हैं और गरम भोजन का सेवन वर्जित है। ठीक उसी तरह ही चाय और कॉफी का सेवन वर्जित है। ठंडे भोजन करने की सलाह दी जाती है।
ये भी पढ़ें- Basoda 2025: शीतला सप्तमी और अष्टमी का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और वैज्ञानिक महत्व
4. न लगाएं झाड़ू
सिर्फ खाना ही बासी नहीं बल्कि घर को भी बासी रखना होता है यानी साफ-सफाई की मनाही की जाती है। शीतला अष्टमी के दिन सफाई नहीं करनी चाहिए। घर में झाड़ू लगाना मना होता है। मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने पर अशांति का वास होता है। शीतलता और स्वच्छता की देवी को प्रसन्न करने के लिए तो बिल्कुल भी घर में झाड़ू लगाने का न सोचें क्योंकि माता शीतला इस दिन घर पर झाड़ू लगाने से अप्रसन्न हो सकती हैं और नकारात्मक प्रभाव का सामना करना पड़ सकता है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।