Shaligram Puja Tips: आपको याद होगा, अयोध्या में रामलला की मूर्ति निर्माण के लिए नेपाल से लाए गए दिव्य शालिग्राम शिला ने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचा था. शालिग्राम केवल एक पत्थर नहीं, बल्कि वैष्णव परंपरा में भगवान विष्णु का साक्षात स्वरूप माना जाता है. इसलिए इसे घर में स्थापित करना बेहद पवित्र और शुभ माना गया है.
लेकिन कहते हैं, यह जितना दिव्य है उतना ही संवेदनशील और नियमों से बंधा हुआ भी है. शालिग्राम की पूजा में की गई छोटी-सी गलती भी परिवार के सुख-शांति पर असर डाल सकती है. इसलिए इसे रखने से पहले सही नियम, लाभ और सावधानियों को जानना आवश्यक है. आइए जानते हैं, घर में शालिग्राम रखने के क्या लाभ हैं और किन गलतियों से बचकर रहना चाहिए?
घर में शालिग्राम रखने के लाभ
बढ़ती है धन-समृद्धि और स्थिरता: हिन्दू धर्म में शालिग्राम को ‘श्रीहरि विष्ण’ के प्रतिनिधि हैं. जहां इनका वास होता है, वहां धन की स्थिरता बनी रहती है. अचानक होने वाले खर्च कम होते हैं और आर्थिक वृद्धि में बाधाएँ दूर होती हैं.
घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह: शालिग्राम अपने आप में अत्यंत पवित्र ऊर्जा रखता है. जिस घर में इसे नियमपूर्वक पूजा जाता है, वहाँ नकारात्मकता प्रवेश नहीं कर पाती. घर का वातावरण शांत और सुखद बना रहता है.
परिवारिक सौहार्द-प्रेम में वृद्धि: विष्णु जी को पालनहार माना गया है. उनका स्वरूप घर में होने से परिवार के सदस्यों के बीच मेल-मिलाप, प्रेम और सहयोग बढ़ता है. अकसर झगड़े या तनाव वाले घरों में भी धीरे-धीरे सामंजस्य स्थापित होता है.
रोग और बाधाओं से रक्षा: धार्मिक मान्यता है कि शालिग्राम घर में होने से अनिष्ट ग्रह, शारीरिक कष्ट और बाधाएं कम होती हैं. यह मानसिक शांति भी प्रदान करता है और मन सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ता है.
मनोकामनाएं होती हैं पूरी: मान्यता है कि शालिग्राम की पूजा बहुत जल्द फल देती है. नियम से की गई पूजा से व्यक्ति के अटके काम बनने लगते हैं और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है.
घर में शालिग्राम रखकर न करें ये गलतियां
शालिग्राम पर अक्षत न करें अर्पित: विष्णु जी को अक्षत चढ़ाने का विधान नहीं है. विशेषकर शालिग्राम पर चावल चढ़ाना अशुभ माना गया है, इसलिए इसका ध्यान रखना बेहद जरूरी है.
अपनी कमाई से ही खरीदें शालिग्राम: शालिग्राम किसी से उपहार में नहीं लेना चाहिए और न ही किसी गृहस्थ को देना चाहिए. इसे अपनी मेहनत की कमाई से खरीदना श्रेष्ठ माना जाता है. लेकिन, किसी संत या महात्मा से इसे प्राप्त करना बेहद शुभ माना गया है.
घर में रखें केवल एक शालिग्राम: पंडितों और शालिग्राम के उपासकों के अनुसार घर में एक से अधिक शालिग्राम नहीं रखने चाहिए. एक शालिग्राम भी पूर्ण होता है और उसकी पूजा पूरी श्रद्धा से करना आवश्यक है.
मांस-मदिरा का सेवन न करें: घर के मंदिर में शालिग्राम स्थापित होने के बाद मांस, मदिरा और नशे से पूरी तरह दूरी रखना चाहिए. ऐसा करने से पूजा का प्रभाव कम हो सकता है.
पूजा का क्रम न तोड़ें: शालिग्राम की पूजा एक बार शुरू कर दी जाए तो इसे नियमित करना जरूरी है. अनियमित पूजा या लंबे समय तक उपेक्षा करना अनुचित माना गया है.
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