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Religion

श्रावण सोमवार और रक्षाबंधन एक ही दिन, व्रत रखना सही है या नहीं? जानें क्या कहता है शास्त्र

Sawan Somwar vs Raksha Bandhan: 22 जुलाई से शुरू हुआ सावन का महीना 19 अगस्त को रक्षाबंधन त्योहार के साथ समाप्त हो रहा है। सावन सोमवार व्रत के दिन रक्षाबंधन भी होने के कारण बहुत से लोग कन्फ्यूजन में हैं कि सावन सोमवार का व्रत रखना चाहिए या नहीं? आइए दूर करते हैं यह कन्फ्यूजन...

Author Edited By : Shyamnandan Updated: Aug 18, 2024 19:13
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Sawan Somwar vs Raksha Bandhan: सोमवार 22 जुलाई से आरंभ हुआ भगवान शिव का प्रिय महीना सोमवार 19 जुलाई, 2024 को रक्षाबंधन त्योहार के साथ समाप्त हो रहा है। ज्योतिषियों के अनुसार, इस दिन सर्वार्थ सिद्ध, रवि योग, शोभन योग, आयुष्मान योग में सावन सोमवार और रक्षा बंधन त्योहार का ऐसा शुभ संयोग 180 वर्ष पहले बना था। इस दृष्टिकोण से यह दिन बेहद शुभ है। वहीं इसे लेकर लोगों में कन्फ्यूजन भी है कि इस दिन रक्षा बंधन भी है, तो क्या इस दिन व्रत की फास्टिंग करनी चाहिए कि नहीं। बता दें, रक्षा बंधन प्रेम, खुशहाली के साथ-साथ पारिवारिक मनोरंजन, भांति-भांति के स्वादिष्ट व्यंजन और मिठाइयों के लुत्फ उठाने का त्योहार भी है। आइए जानते है कि इस दिन व्रत का उपवास रखना उचित है या नहीं?

अन्य सोमवार की तरह ही लागू होंगे सभी नियम

रक्षा बंधन और सावन सोमवार 19 अगस्त को एक साथ होने से दोनों पर्वों का महत्व बढ़ गया है। वहीं सावन का आखिरी सोमवार होने के कारण इस व्रत की महत्ता प्रथम सोमवार की तरह महत्वपूर्ण है। व्रतराज ग्रंथ के मुताबिक, शिव की साधना-पूजा करने वालों लिए इस दिन सोमवार व्रत के सभी नियम और विधान अन्य सोमवारों की तरह ही लागू होंगे।

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नहीं मिलेगा पिछले सोमवार व्रत का लाभ

व्रतराज ग्रंथ के मुताबिक, सावन के सभी सोमवार व्रत रखने वालों को राखी के दिन पड़ने वाले सावन के आखिरी सोमवार का व्रत रखना भी अनिवार्य है। यह पांचवां सोमवार व्रत रखने से ही पांचों यानी सभी सोमवार व्रतों के पूर्ण फल की प्राप्ति होगी। जो साधक या साधिका रक्षा बंधन के दिन वाले सावन सोमवार व्रत नहीं करेंगे, उनको संपूर्ण सावन सोमवार के व्रत का लाभ नहीं मिलेगा।

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श्रावण सोमवार पर बन रहे हैं ये विशेष संयोग

सोमवार 19 अगस्त यानी सावन के आखिरी सोमवार को कई शुभ संयोग बनने से व्रत का काफी महत्व बढ़ गया है। इस सोमवार को आयुष्मान योग, रवि योग, शोभन योग, सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहे हैं। धार्मिक मान्यता है इन विशिष्ट और शुभ योग में शिव पूजन व जलाभिषेक करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

ये है जलाभिषेक का बेस्ट मुहूर्त

सावन के आखिरी सोमवार को महादेव शिव की पूजा और उनके दिव्य रूप शिवलिंग का जलाभिषेक का सबसे शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 52 मिनट से सुबह 8 बजकर 10 मिनट तक रहेगा। इसके बाद शाम में प्रदोष का समय शिवपूजन के लिए बेस्ट है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: Aug 18, 2024 07:13 PM

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