Sawan Shivratri 2025: शिव भक्तों के लिए सावन माह का जितना महत्व है, उतनी ही खास आस्था लोगों की शिवरात्रि से जुड़ी है। साल में एक बार महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। जबकि 11 बार मासिक शिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है। दरअसल, शास्त्रों में बताया गया है कि कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि भगवान शिव को समर्पित है। इसलिए प्रत्येक माह की इस तिथि पर मासिक शिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। वहीं जब मासिक शिवरात्रि सावन माह में पड़ती है तो उसका महत्व और ज्यादा बढ़ जाता है। आज 23 जुलाई 2025 को मासिक शिवरात्रि है, जिसे सावन शिवरात्रि और सावन की शिवरात्रि के नाम से जाना जाता है।
सावन की शिवरात्रि के दिन देवों के देव महादेव की पूजा की जाती है। साथ ही देवी पार्वती और शिवलिंग पर विभिन्न पूजा सामग्री अर्पित की जाती है। इसके अलावा कई लोग अपने खुशहाल जीवन की कामना के लिए व्रत भी रखते हैं। वैसे तो सावन शिवरात्रि के पूरे दिन शिव जी की पूजा कर सकते हैं। लेकिन चार प्रहरों के मुहूर्त में शिव पूजा का खास महत्व है।
सावन शिवरात्रि की पूजा का शुभ मुहूर्त
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सावन शिवरात्रि व्रत की पूजा विधि
- प्रात: काल जल्दी उठकर स्नान आदि कार्य करने के उपरांत शुद्ध नीले या हरे रंग के कपड़े धारण करें।
- हाथ में जल या अक्षत लेकर व्रत का संकल्प लें।
- शिव जी और देवी पार्वती की पूजा करने के बाद उन्हें फल, फूल, अक्षत, वस्त्र और मिठाई अर्पित करें।
- शिवलिंग का पंचामृत से अभिषेक करें।
- शिव मंत्रों का जाप करें।
- शिव चालीसा और महामृत्युंजय मंत्र पढ़ें।
- देवी-देवताओं की आरती करें।
- व्रत का पारण करने से पहले गरीबों को दान दें।
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शिव जी की आरती
सावन शिवरात्रि व्रत के पारण का सही समय?
सावन शिवरात्रि का व्रत तो आज 23 जुलाई को रखा जाएगा, लेकिन उपवास का पारण कल यानी 24 जुलाई 2025 को होगा। कल प्रात: काल 05 बजकर 38 मिनट के बाद किसी भी वक्त सावन शिवरात्रि के व्रत का पारण किया जा सकता है।
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