17 Mukhi Rudraksh: भगवान शिव की आखों से निकले आंसू से बने रुद्राक्ष कमाल की चीज है। इसके फायदे अनगिनत हैं, जो इसे पूरी निष्ठा, नियम और श्रद्धा से पहनते हैं, वे और बेहतर बता सकते हैं। रुद्राक्ष एक मुखी से होकर कई-कई मुख वाले होते हैं। यहां बात 17 मुखी रुद्राक्ष की हो रही है, जो एक दुर्लभ किस्म का रुद्राक्ष है। आइए जानते हैं, इस रुद्राक्ष का महत्व, उपयोग और धारण करने की विधि।
17 मुखी रुद्राक्ष का महत्व
17 मुखी रुद्राक्ष पहनने के इतने अधिक फायदे बताए गए हैं कि उन सबको एकसाथ यहां बता पाना मुश्किल है। इसी आप समझ सकते हैं कि यह कितना महत्वपूर्ण हो सकता है, जो केवल इस जीवन से नहीं बल्कि इस जीवन के बाद भी जुड़ा बताया जाता है। इसे सर्वबाधा निवारक रुद्राक्ष माना जाता है, जो इसे पहनने वाले पर अपार शक्ति और दैवीय ऊर्जा की वर्षा करता है। कहते हैं, इस रुद्राक्ष का संबंध शरीर के तीसरे नेत्र चक्र से जुड़ा है, जो तन और मन में आरोग्य और सहजता में वृद्धि करता है। मस्तिष्क को शांत रखकर जीवन में अंतर्दृष्टि देता है।
गुडलक और धन का दरवाजा
जिन लोगों के जीवन में धन की विकट समस्या है और सौभाग्य रूठ गया है, उनके जीवन में इस रुद्राक्ष को ‘गुडलक’ लाने वाला माना गया है। कहते हैं, इसे धारण करने के 7 दिनों के भीतर शुभ समाचार प्राप्त होते हैं। धन की आमद होने लगती है। आय के नए-नए स्रोत खुल जाते हैं और इतना धन आता है कि संभालना मुश्किल हो जाता है। इसलिए 17 मुखी रुद्राक्ष को ‘गुडलक और धन का दरवाजा’ भी कहा गया है।
आइडियल लाइफ पार्टनर पाने की चाबी
17 मुखी रुद्राक्ष की सबसे बड़ी बात यह है कि इसका संबंध महादेव भगवान शिव के साथ-साथ देवी दुर्गा से भी है, जिसे धारण करने से इन दोनों की कृपा एक साथ मिलती है और जीवन से सारी नकारात्मकता दूर हो जाती है। जिन लोगों को सही रिश्ते के ऑफर नहीं आते हैं या रिश्ता तय होने के बाद भी बात बिगड़ जाती है या मनपसंद लाइफ पार्टनर नहीं मिल पा रहा है, उन्हें 17 मुखी रुद्राक्ष विशेष रूप से पहनने का सुझाव दिया जाता है। कहते हैं, इसे धारण करने के कुछ दिनों के अंदर आइडियल और परफेक्ट लाइफ पार्टनर मिल जाता है। इस रुद्राक्ष को गर्भधारण के लिए भी अच्छा बताया गया है।
ये भी पढ़ें: Rudraksha Rules: रुद्राक्ष पहनने से पहले ध्यान में रखें 5 बातें
17 मुखी रुद्राक्ष धारण करने का तरीका
इस रुद्राक्ष को सोमवार या शुक्रवार को पहनने की सलाह दी जाती है। गुडलक यानी सौभाग्य के लिए सोमवार को और परफेक्ट पार्टनर की चाहत पूरी करने के लिए शुक्रवार को पहना जाता है। पहनने से पहले इसे गंगाजल में धो लेना चाहिए और फिर सुबह में भगवान शिव और देवी दुर्गा के मंत्रों का जाप करते हुए धारण करना चाहिए। बता दें, इस रुद्राक्ष को धारण करने के बाद सख्ती से रुद्राक्ष धारण करने के नियमों को पालन करना अनिवार्य है। विशेष रूप से मांसाहार और अनैतिक कामों से दूर रहना सबसे बड़ी शर्त है।
ये भी पढ़ें: Dahi Cheeni Upay: शुभ काम से पहले दही-चीनी खाना क्यों जरूरी? जानें ज्योतिषीय और धार्मिक कारण
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।