Ravan Ko Kisne Shrap Diya Tha: रावण सभी वेदों का ज्ञाता था, जिसे देवों के देव महादेव ने कई वरदान दिए थे. हालांकि, रावण को वरदान के साथ-साथ एक श्राप भी मिला था, जिस कारण उसका वध भी हो सकता था. इसी श्राप के कारण रावण माता सीता को स्पर्श (छू) नहीं कर पाया था. चलिए जानते हैं रावण को किसी भी स्त्री को उसकी मर्जी के बिना स्पर्श न करने का श्राप किसने और क्यों दिया था.
अपनी पुत्रवधू से किया था दुराचार
वाल्मीकि रामायण के उत्तरकांड के अध्याय 26 और श्लोक 39 के अनुसार, एक बार रावण अपने सौतेले भाई कुबेर से मिलने के लिए स्वर्ग में उसके शहर अलाका गया था. जहां पर उसे अप्सरा रंभा दिखाई दी. रंभा की खूबसूरती देखकर रावण मोहित हो गया और उससे गलत व्यवहार करने लगा. रंभा ने रावण का विरोध किया और उसे बताया कि वो उसके भाई कुबेर के बेटे नलकुबेर की होने वाली अर्धांगी यानी पत्नी है. रिश्ते में वो रावण की पुत्रवधू लगती है.
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सौतेले भाई के बेटे ने दिया था श्राप
रावण ने अप्सरा रंभा की बात नहीं मानी और उसके साथ दुराचार (गलत व्यवहार) किया. जब यह बात रावण के सौतेले भाई धन के देवता कुबेर जी के बेटे नलकुबेर को पता चली तो उन्होंने रावण को श्राप दिया. उन्होंने रावण से कहा कि आज से यदि तुमने किसी भी स्त्री को उसकी मर्जी के बिना स्पर्श किया तो तुम्हारे सिर के 100 टुकड़े हो जाएंगे. इसके बाद से रावण ने कभी भी किसी स्त्री को उसकी मर्जी के बिना स्पर्श करने का प्रयास नहीं किया.
रावण ने माता सीता को स्पर्श नहीं किया था
रावण ने अपनी बहन शूर्पणखा के अपमान का बदला लेने के लिए राम जी की पत्नी माता सीता का छल से अपहरण जरूर किया था, लेकिन कभी भी उन्हें स्पर्श नहीं किया था.
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