Hindu Mythology: ‘राधे’ इस नाम में भगवान श्रीकृष्ण और राधा समाहित हैं। संतों और कई कथावाचकों के अनुसार राधा और श्रीकृष्ण एक ही हैं। भगवान श्रीकृष्ण और राधा के बीच एक आत्मीय संबंध था। राधा रानी को भगवान श्रीकृष्ण का प्राण माना गया है।
भगवान श्रीकृष्ण जब मथुरा जाने लगे उन्होंने राधारानी को वचन दिया था कि वे वापस लौटकर जरूर आएंगे, लेकिन इसके बाद भी वे वापस नहीं आए और राधारानी श्रीकृष्ण के वियोग में ही रहीं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि राधा और कृष्ण के बीच आखिर क्या संबंध था। अगर नहीं तो आइए जानते हैं कि इसके बाद पुराण या शास्त्रों में क्या लिखा है?
कान्हा से उम्र में बड़ी थीं राधारानी
पद्य पुराण के अनुसार राधारानी वृषभानु नामक वैश्य गोप के यहां भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को हुआ था। उनकी माता का नाम कीर्ति था। इसी कारण राधारानी को वृषभानु दुलारी कहा गया। राधारानी के जन्मस्थान को लेकर दो मत हैं, कुछ लोग मानते हैं कि उनका जन्म यमुना के निकट स्थित रावल गांव में हुआ था। वहीं, कुछ का मानना है कि उनका जन्म बरसाने में हुआ था। ब्रह्मावैवर्त पुराण के अनुसार, राधा भगवान श्रीकृष्ण से 4 साल बड़ी थीं। जब श्रीकृष्ण 8 साल के थे और राधारानी 12 साल की तब दोनों से एक दूसरे को देखा था।
ऐसे मिले थे राधा-कृष्ण
ब्रह्मवैवर्त पुराण के प्रकृति खंड अध्याय 48 और ऋषि गर्ग द्वारा लिखी गई गर्ग संहिता के अनुसार एक बार जब नंदबाबा भगवान श्रीकृष्ण को बाजार घूमाने के लिए ले जा रहे थे, तभी उसी समय उन्होंने एक सुंदर कन्या को देखा। वे सुंदर कन्या कोई और नहीं बल्कि राधारानी ही थीं। भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी एक-दूसरे को देखकर आपस में ही मंत्रमुग्ध हो गए थे। इसके बाद दोनों में प्रेम हो गया था, जिससे वे भगवान श्रीकृष्ण की प्रेमिका कहलाईं। जहां पर राधारानी और भगवान श्रीकृष्ण मिले थे, उस जगह को तीर्थ कहा गया। यह स्थान नंदगांव और बरसाने के बीच में स्थित है। आज भी इस स्थान पर एक मंदिर है।
कैसे बनीं पत्नी?
गर्ग संहिता के अनुसार राधा और श्रीकृष्ण का गंधर्व विवाह स्वयं ब्रह्मा जी ने कराया था। यहां एक कथा का वर्णन मिलता है कि भगवान श्रीकृष्ण के पिता उनको अक्सर भंडिर गांव ले जाया करते थे। उनकी इसी जगह पर राधारानी से मुलाकात हुआ करती थी। एक दिन वे अपने पिता के साथ भंडिर गांव आए, जहां पर राधा रानी मौजूद थीं। इसी समय अचानक एक तेज रोशनी चमकी और फिर अंधेरा छा गया। इस दौरान सृष्टि के रचियता भगवान ब्रह्मा प्रकट हुए और उन्होंने विशाखा और ललिता की उपस्थिति में राधा और श्रीकृष्ण भगवान का गंधर्व विवाह करा दिया। इससे राधारानी भगवान श्रीकृष्ण की पत्नी बन गईं।
यह जगह है इस बात का सबूत
मथुरा से करीब 30 किलोमीटर दूर मांट तहसील में स्थित भांडरीवन में आज भी एक अनोखा मंदिर स्थित है। इस मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण और राधारानी की मूर्ति है। इस मंदिर में राधा और कृष्ण दूल्हा और दुल्हन के वेश में हैं और ब्रह्माजी दोनों को आशीर्वाद दे रहे हैं।
ऐसे बनीं श्रीकृष्ण की मामी
ब्रह्मवैवर्त पुराण के प्रकृति खंड अध्याय 49 के श्लोक 35,36, 37, 30 और 47 के अनुसार राधा रानी का विवाह माता यशोदा के भाई रायाण के साथ हुआ था। इस कारण इस रिश्ते से राधा रानी भगवान श्रीकृष्ण की मामी हुईं।
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