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Sarva Pitru Amavasya: पितृपक्ष का अंतिम श्राद्ध कब? जानें सर्व पितृ अमावस्या की तिथि, तर्पण का शुभ मुहूर्त और विधि

Sarva Pitru Amavasya 2025: पितृपक्ष के पावन दिन चल रहे हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इन दिनों पितृ व पूर्वज धरती पर भ्रमण करने के लिए आते हैं। इसलिए इस दौरान श्राद्ध आदि कार्य किए जाते हैं ताकि पितृ व पूर्वज उन्हें स्वीकार कर लें और अपने कुल पर अपना आशीर्वाद बनाए रखें। चलिए जानते हैं पितृपक्ष के अंतिम श्राद्ध यानी सर्व पितृ अमावस्या की सही तिथि और तर्पण के शुभ मुहूर्त के बारे में।

Author Written By: Nidhi Jain Author Published By : Nidhi Jain Updated: Sep 9, 2025 16:00
Sarva Pitru Amavasya 2025
Credit- News 24 Gfx

Sarva Pitru Amavasya 2025: 7 सितंबर 2025 से भाद्रपद माह की पूर्णिमा तिथि से पितृपक्ष का आरंभ हो गया है, जिसका समापन अमावस्या श्राद्ध के दिन होगा। द्रिक पंचांग के अनुसार, हर साल आश्विन माह में आने वाली कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को अमावस्या श्राद्ध किया जाता है। अमावस्या श्राद्ध को अमावस श्राद्ध, सर्व पितृ अमावस्या और सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, अमावस्या तिथि पर किया गया श्राद्ध, परिवार के सभी पूर्वजों की आत्माओं को प्रसन्न करने के लिए पर्याप्त होता है। इसलिए अधिकतर लोग इसी तिथि पर श्राद्ध करते हैं। इस दिन श्राद्ध कार्य करके पितरों को विदाई दी जाती है।

चलिए जानते हैं साल 2025 में पितृपक्ष का अंतिम श्राद्ध कब होगा। साथ ही आपको सर्व पितृ अमावस्या के तर्पण के शुभ मुहूर्त और विधि के बारे में पता चलेगा।

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सर्व पितृ अमावस्या पर किनका श्राद्ध किया जाता है?

इस दिन परिवार के उन मृतक सदस्यों का श्राद्ध किया है, जिनकी मृत्यु अमावस्या तिथि, पूर्णिमा तिथि या चतुर्दशी तिथि को हुई हो। यदि कोई व्यक्ति पितृपक्ष की अन्य तिथियों पर श्राद्ध नहीं कर पाया है तो वो अमावस्या तिथि पर सभी के लिए श्राद्ध कर सकता है। इसके अलावा उन पूर्वजों का भी श्राद्ध किया जा सकता है, जिनकी पुण्यतिथि पता नहीं है।

सर्व पितृ अमावस्या 2025 में कब है?

द्रिक पंचांग के अनुसार, साल 2025 में 21 सितंबर की सुबह 12 बजकर 16 मिनट से लेकर 22 सितंबर की सुबह 1 बजकर 23 मिनट तक आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि यानी सर्व पितृ अमावस्या रहेगी। ऐसे में 21 सितंबर 2025, वार रविवार को सर्व पितृ अमावस्या का श्राद्ध किया जाएगा।

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सर्व पितृ अमावस्या की पूजा का शुभ मुहूर्त

सर्व पितृ अमावस्या का श्राद्ध कुतुप मुहूर्त और रौहिण मुहूर्त में करना चाहिए, जबकि अपराह्न काल समाप्त होने से पहले श्राद्ध सम्बन्धी अनुष्ठान सम्पन्न कर लेने चाहिए। 21 सितंबर 2025 को दोपहर 12 बजकर 8 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 57 मिनट तक कुतुप मूहूर्त है, जिसके समाप्त होते ही रौहिण मूहूर्त का आरंभ हो जाएगा। रविवार को दोपहर 1 बजकर 45 मिनट पर रौहिण मूहूर्त का समापन होगा। वहीं, अपराह्न काल दोपहर 01 बजकर 45 मिनट से लेकर दोपहर 04 बजकर 11 मिनट तक रहेगा।

इस विधि से करें अमावस्या का श्राद्ध

  • स्नान करने के पश्चात पवित्र धोती और जनेऊ धारण करें।
  • किसी पवित्र नदी या घर में किसी शुद्ध जगह पर अपना आसन लगाएं।
  • हाथ में चावल लेकर श्राद्ध का संकल्प करें।
  • जल में अक्षत डालें और उसे देवताओं को अर्पित करें।
  • जल और जौ से ऋषियों का तर्पण करें।
  • जल, काले तिल और सफेद फूल से पितरों का तर्पण करें।
  • तर्जनी और अंगूठे के बीच कुशा लें और अंजलि बनाएं।
  • अंजलि में जल लेकर उसे खाली पात्र में अर्पित करें।
  • प्रत्येक पितृ के लिए तीन बार जल अर्पित करें। इस दौरान पितरों का नाम लेकर ‘ॐ पितृभ्यः नमः’ मंत्र बोलें।
  • अब कहें, ‘आप हमारे परिवार की रक्षा करें। हमारा कल्याण करें।’ साथ ही अनजाने में हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगें।
  • तर्पण के बाद बचा हुआ जल किसी पवित्र पेड़ में अर्पित करें।
  • तर्पण के बाद ब्राह्मण और जरूरतमंद को भोजन कराएं।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: Sep 09, 2025 04:00 PM

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