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भूलकर भी न करें इन 5 लोगों की मदद, पड़ सकता है पछताना

Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों के माध्यम से जीवन के विभिन्न पहलुओं के बारे में नियम बताए हैं। आचार्य चाणक्य के अनुसार कुछ ऐसे व्यक्ति होते हैं, जिनकी मदद करने से बचना चाहिए। ऐसे व्यक्तियों की मदद करने से आपको बाद में पछताना पड़ सकता है।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Mohit Tiwari Updated: Jul 27, 2025 21:10
Chanakya Niti

Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य को कौटिल्य या विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना जाता है। वे प्राचीन भारत के महान दार्शनिक, अर्थशास्त्री और रणनीतिकार भी थे। उन्होंने अपनी नीतियों को चाणक्य नीति में लिखा है। यह एक ऐसा ग्रंथ है, जो जीवन के विभिन्न पहलुओं पर व्यावहारिक और नैतिक मार्गदर्शन प्रदान करता है। चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में मानव स्वभाव, समाज और नैतिकता के आधार पर यह बताया है कि किन परिस्थितियों में और किन लोगों की मदद करने से बचना चाहिए। उनके अनुसार, कुछ लोग ऐसे होते हैं जिनकी मदद करना न केवल व्यर्थ है, बल्कि यह स्वयं के लिए हानिकारक भी हो सकता है।

चाणक्य नीति में जीवन को संतुलित और सफल बनाने के लिए व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाने पर जोर दिया गया है। चाणक्य का मानना था कि मानव संसाधनों और ऊर्जा का उपयोग सोच-समझकर करना चाहिए। उनकी नीतियां यह सिखाती हैं कि मदद करना एक पुण्य कार्य है, लेकिन इसे अंधाधुंध नहीं करना चाहिए। यदि गलत व्यक्ति की मदद की जाए तो यह न केवल समय और संसाधनों की बर्बादी है, बल्कि यह स्वयं के लिए समस्याएं भी उत्पन्न कर सकता है। चाणक्य ने कुछ विशिष्ट प्रकार के लोगों के बारे में बताया है, जिनकी मदद करने से पहले उनके चरित्र और इरादों की जांच कर लेनी चाहिए। आइए जानते हैं कि वे कौन से लोग हैं, जिनकी मदद करने से बचना चाहिए।

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कृतघ्न व्यक्ति

चाणक्य नीति के अनुसार, जो व्यक्ति कृतज्ञता नहीं जानता, उसकी मदद करना व्यर्थ है। ऐसे लोग आपकी मदद को स्वीकार तो करते हैं, लेकिन इसके बदले में न तो धन्यवाद देते हैं और न ही आपके प्रति वफादारी दिखाते हैं। चाणक्य कहते हैं कि ‘कृतघ्नस्य च यत् कृतं तत् सर्वं नष्टमेव हि’ अर्थात कृतघ्न व्यक्ति के लिए किया गया कार्य नष्ट हो जाता है। ऐसे व्यक्ति मदद के बाद भी आपका अपमान कर सकते हैं या आपके खिलाफ कार्य कर सकते हैं। इस कारण कृतघ्न लोगों की मदद करने से बचना चाहिए, क्योंकि वे कभी भी आपके प्रयासों का मूल्य नहीं समझेंगे।

स्वार्थी और धोखेबाज व्यक्ति

चाणक्य ने उन लोगों की मदद करने से मना किया है जो केवल अपने स्वार्थ के लिए दूसरों का उपयोग करते हैं। ऐसे लोग मीठी बातों और चापलूसी से आपको प्रभावित करते हैं, लेकिन उनके इरादे धोखेबाजी के होते हैं। चाणक्य नीति में कहा गया है कि ‘मधुरं वचनं यस्य तस्य विश्वासति न कदाचन’ अर्थात जो लोग मीठी बातें करते हैं, उन पर आंख मूंदकर भरोसा नहीं करना चाहिए। यदि आप ऐसे लोगों की मदद करते हैं, तो वे आपके संसाधनों का दुरुपयोग कर सकते हैं और बाद में आपके खिलाफ ही षड्यंत्र रच सकते हैं।

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मूर्ख और अज्ञानी व्यक्ति

चाणक्य के अनुसार, मूर्ख व्यक्ति की मदद करना बेकार है, क्योंकि वह न तो आपके प्रयासों को समझता है और न ही उसका सही उपयोग कर पाता है। चाणक्य नीति के एक श्लोक में कहा गया है कि ‘मूर्खस्य संनादति न कदाचन’ अर्थात मूर्ख व्यक्ति की मदद करना ऐसा है जैसे रेत में पानी डालना। ऐसे लोग आपकी सलाह या सहायता का गलत उपयोग करते हैं और कभी-कभी अनजाने में आपको ही नुकसान पहुंचा सकते हैं। इस कारण मूर्ख और अज्ञानी लोगों की मदद करने से पहले उनके व्यवहार और समझ का आकलन कर लेना चाहिए।

नकारात्मक और दुष्ट प्रवृत्ति वाले लोग

चाणक्य नीति में उन लोगों की मदद करने से मना किया गया है जो नकारात्मक सोच रखते हैं या जिनका चरित्र दुष्टता वाला है। ऐसे लोग दूसरों का भला नहीं चाहते और उनकी मदद करने से आपका समय और संसाधन नष्ट हो सकता है। चाणक्य कहते हैं कि ‘दुष्टं न संनादति कदाचन’ अर्थात दुष्ट व्यक्ति की मदद कभी नहीं करनी चाहिए, क्योंकि वह आपकी मदद का उपयोग गलत कार्यों के लिए कर सकता है। ऐसे लोग समाज में अशांति फैलाते हैं और आपकी मदद को हथियार के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं।

आलसी और गैर-जिम्मेदार लोग

चाणक्य के अनुसार, जो लोग आलसी, गैर-जिम्मेदार और कार्य करने में असमर्थ हैं, उनकी मदद करना भी व्यर्थ है। ऐसे लोग अपनी समस्याओं का समाधान स्वयं नहीं करना चाहते और दूसरों पर निर्भर रहते हैं। चाणक्य नीति में कहा गया है कि ‘आलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः’ अर्थात आलस्य मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है। यदि आप ऐसे लोगों की बार-बार मदद करते हैं, तो वे आत्मनिर्भर बनने के बजाय आप पर और अधिक निर्भर हो जाते हैं। इससे न केवल आपका समय नष्ट होता है, बल्कि उनकी प्रगति भी रुक जाती है।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी चाणक्य नीति पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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First published on: Jul 27, 2025 09:10 PM

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