Peepal Tree Puja: पीपल के पेड़ को हिंदू धर्म में देवताओं से जोड़कर देखा जाता है. इसी वजह से इसे पूजनीय माना जाता है. हिंदू धर्म में सिर्फ पीपल के पेड़ को ही नहीं कई पेड़-पौधों को पूजा जाता है. आज आपको पीपल के पेड़ की पूजा क्यों की जाती है इसके पीछे क्या धार्मिक मान्यता है? पीपल के पेड़ की पूजा विधि और महत्व के बारे में बताएंगे.
पीपल के पेड़ का महत्व
पीपल का पेड़ भगवान से जुड़ा हुआ माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पीपल के पेड़ की जड़ में ब्रह्मा, तने में विष्णु और पत्तियों में शिव का निवास माना जाता है. इस प्रकार से इसका संबंध त्रिदेवों से है. विज्ञान की दृष्टि से पीपल का पेड़ महत्वपूर्ण होता है. यह पेड़ 24 घंटे ऑक्सीजन देकर वातावरण को स्वच्छ करने में मददगार होता है.
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पीपल के पेड़ की पूजा की विधि
आपको पीपल के पेड़ की पूजा करने के लिए नहाकर साफ कपड़े पहनने चाहिए. इसके बाद आप मंदिर या नजदीक स्थित पीपल के पेड़ के पास जाएं. भगवान की पूजा करने के बाद पीपल के पेड़ की पूजा करें. गाय के शुद्ध दूध में गंगाजल, तिल और चंदन मिलाकर पीपल की जड़ में अर्पित करें. शाम के समय पीपल के नीचे दीपक जलाना शुभ माना जाता है. आप इस उपाय को भी कर सकते हैं. पीपल के पेड़ की पूजा के बाद आप आसन लगाकर बैठ जाए या खड़े होकर इस मंत्र का जाप करें.
मूलतो ब्रह्मरूपाय मध्यतो विष्णुरूपिणे।
अग्रत: शिवरूपाय वृक्षराजाय ते नम:।।
आयु: प्रजां धनं धान्यं सौभाग्यं सर्वसम्पदम्।
देहि देव महावृक्ष त्वामहं शरणं गत:।।
पीपल के पेड़ की विधि-विधान से पूजा करें और साथ ही कई बातों का ध्यान रखें. पीपल के पेड़ के आसपास गंदगी न करें. पीपल के पेड़ को सूर्योदय के बाद ही जल अर्पित करें. शनिवार की शाम को सरसों के तेल का दीपक जलाएं. इसके साथ ही रविवार को पीपल वृक्ष को स्पर्श न करें और न ही पूजा करें. यह दिन पीपल के पेड़ की पूजा के लिए वर्जित माना जाता है.
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।










