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Parivartini Ekadashi: सितंबर में इस दिन करवट बदलेंगे श्री हरी; जरूर रखें व्रत, मिलेगी पापों से मुक्ति

Parivartini Ekadashi 2025: भगवान विष्णु इस वक्त क्षीर सागर में योग निद्रा यानी सो रहे हैं, जो देवोत्थान एकादशी तक इसी अवस्था में रहेंगे। हालांकि, इस बीच भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को विष्णु जी करवट बदलेंगे, जिस दिन परिवर्तिनी एकादशी का व्रत रखा जाता है। चलिए जानते हैं परिवर्तिनी एकादशी व्रत के महत्व, तिथि, पूजा के मुहूर्त और विधि के बारे में।

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Nidhi Jain Updated: Aug 28, 2025 14:42
Parivartini Ekadashi
Credit- Freepik

Parivartini Ekadashi 2025: जगत के पाहनहार भगवान विष्णु के भक्तों के लिए परिवर्तिनी एकादशी का खास महत्व है। द्रिक पंचांग के अनुसार, हर साल भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को परिवर्तिनी एकादशी का व्रत रखा जाता है। मान्यता है कि इसी तिथि पर भगवान विष्णु क्षीर सागर में योग निद्रा के दौरान करवट बदलेंगे, जिसकी वजह से इसे परिवर्तिनी एकादशी कहते हैं। इस दिन विष्णु जी की पूजा की जाती है। साथ ही निर्जला व फलाहार व्रत रखा जाता है। माना जाता है कि जो लोग सच्चे मन से एकादशी का ये व्रत रखते हैं, उन्हें पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होने की संभावना बढ़ जाती है।

हालांकि, कुछ लोग खुशहाल वैवाहिक जीवन व अच्छी सेहत के लिए भी परिवर्तिनी एकादशी का व्रत रखते हैं। इस बार परिवर्तिनी एकादशी की तिथि को लेकर कन्फ्यूजन बना हुआ है। आइए जानते हैं परिवर्तिनी एकादशी की सही तिथि, पूजा के मुहूर्त और पूजन विधि आदि के बारे में।

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परिवर्तिनी एकादशी 2025 में कब है?

द्रिक पंचांग के अनुसार, साल 2025 में 3 सितंबर की सुबह 3 बजकर 53 मिनट से लेकर 4 सितंबर की सुबह 4 बजकर 21 मिनट तक भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि रहेगी। ऐसे में 3 सितंबर 2025, वार बुधवार को परिवर्तिनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा। 3 सितंबर को सुबह में 04:30 से 05:15 मिनट तक पूजा का ब्रह्म मुहूर्त है, जिसके बाद सायाह्न सन्ध्या शाम में 06:40 से 07:48 मिनट तक है। हालांकि, इस दिन पूजा का अभिजित मुहूर्त नहीं है।

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परिवर्तिनी एकादशी का व्रत कब खोलें?

परिवर्तिनी एकादशी का व्रत 4 सितंबर 2025 को दोपहर में खोलना शुभ रहेगा। इस दिन दोपहर में 1 बजकर 36 मिनट से 4 बजकर 7 मिनट के बीच परिवर्तिनी एकादशी व्रत के पारण का शुभ मुहूर्त है।

परिवर्तिनी एकादशी की पूजा विधि

  • व्रत वाले दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें।
  • स्नान आदि कार्य करने के बाद शुद्ध पीले रंग के कपड़े धारण करें।
  • विष्णु जी का नाम लेते हुए हाथ में जल या अक्षत रखकर व्रत का संकल्प लें।
  • घर के मंदिर में विष्णु जी और मां लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करें।
  • देवी-देवताओं को फल, फूल, अक्षत, पीले रंग के कपड़े और मिठाई अर्पित करें।
  • देसी घी का एक दीपक जलाएं।
  • विष्णु मंत्र का 3 से 11 बार जाप करें और विष्णु चालीसा पढ़ें।
  • परिवर्तिनी एकादशी व्रत की कथा पढ़ें या सुनें।
  • आरती करें।
  • व्रत का पारण करने से पहले दान दें या गौ सेवा करें।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: Aug 28, 2025 02:42 PM

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