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Papankusha Ekadashi 2024: पापांकुशा एकादशी आज है या कल? जानें महत्व, मुहूर्त, पूजा विधि और पारण समय

Papankusha Ekadashi 2024: सनातन पंचांग के अनुसार, हर साल आश्विन माह में आने वाली शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन पापांकुशा एकादशी का व्रत रखा जाता है। इसे लेकर असमंजस है कि यह आज 13 अक्टूबर को है या कल यानी 14 अक्टूबर को? आइए दूर करते हैं, यह कन्फ्यूजन।

Edited By : Shyam Nandan | Updated: Oct 13, 2024 08:45
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Papankusha-Ekadashi-2024

Papankusha Ekadashi 2024: पापांकुशा दो शब्दों से मिलकर बना है, पाप यानी गलत, अनैतिक, धर्मविरुद्ध काम और अंकुश यानी नियंत्रक शक्ति। इस प्रकार पापांकुशा एकादशी का अर्थ हुआ वह एकादशी जो मनुष्य में मन, वचन और कर्म से होने वाले पापों को रोकता है यानी जिस एकादशी व्रत से पाप करने की प्रवृत्ति पर अंकुश लग जाता है, उस एकादशी व्रत को पापांकुशा एकादशी कहते हैं।

पापांकुशा एकादशी आज है या कल?

इस एकादशी को लेकर लोग असमंजस में हैं कि यह आज है या कल? दरअसल इस साल पापांकुशा एकादशी दो दिन पड़ रही है। जो व्यक्ति उदयातिथि के अनुसार एकादशी व्रत रखते हैं वो 14 अक्टूबर को पापांकुशा एकादशी व्रत रखेंगे और जो लोग द्वादशी पर व्रत पारण के अनुसार व्रत रखते हैं वे 13 अक्टूबर को व्रत रखेंगे। वैष्णव अनुयायी यह व्रत 14 अक्टूबर को रखने वाले हैं।

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पापांकुशा एकादशी का महत्व

सनातन पंचांग के अनुसार, हर साल आश्विन माह में आने वाली शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन भगवान विष्णु को समर्पित पापांकुशा एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस दिन व्रत रखने के साथ-साथ भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने से व्यक्ति को विशेष फल की प्राप्ति होती है। साथ ही जाने-अनजाने में किए गए पापों से मुक्ति मिलती है और पाप करने की प्रवृत्ति पर भी रोक लग जाती है। उत्तम स्वास्थ्य और संतान सुख का वरदान मिलता है।

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पापांकुशा एकादशी पूजा मुहूर्त

व्रतराज ग्रंथ के अनुसार, एकादशी पूजन सूर्योदय के बाद किसी भी समय कर सकते हैं, लेकिन गोधूलि बेला में यह पूजन श्रेष्ठ माना गया है।

  • एकादशी तिथि प्रारम्भ: 13 अक्टूबर, 2024 को 09:08 AM बजे
  • एकादशी तिथि समाप्त: 14 अक्टूबर, 2024 को 06:41 AM बजे

पापांकुशा एकादशी की पूजा विधि

  • एकादशी तिथि के दिन सुबह जल्दी उठें। स्नान आदि कार्य करने से बाद व्रत का संकल्प लें।
  • घर के मंदिर में कलश और चौकी की स्थापना करें। चौकी के ऊपर भगवान विष्णु के भगवान सत्यनारायण रूप की मूर्ति या तस्वीर की स्थापना करें।
  • भगवान सत्यनारायण को फल, फूल, मिठाई और दीप-धूप का भोग लगाएं। इस दौरान विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।
  • फिर भगवान सत्यनारायण की कथा पढ़ें और सुनें और अंत में आरती कर पूजा का समापन करें।
  • आज के दिन भूखे लोगों को भोजन दें और जरूरतमंद लोगों को दान जरूर दें।

पापांकुशा एकादशी पारण समय

एकादशी व्रत के नियम के अनुसार, जितना महत्व एकादशी व्रत का है, उतना ही महत्वपूर्ण इस व्रत के पारण का है। पापांकुशा एकादशी 2024 का पारण समय इस प्रकार है:

  • जो व्यक्ति आज यानी 13 अक्टूबर को यह व्रत रख रहे हैं, उनके लिए पारण समय: 14 अक्टूबर को दोपहर बाद 1 बजकर 16 मिनट से लेकर 3 बजकर 34 मिनट तक।
  • जो व्यक्ति कल यानी 14 अक्टूबर को यह व्रत रख रहे हैं, उनके लिए पारण समय: 15 अक्टूबर की सुबह 6 बजकर 22 मिनट से लेकर 8 बजकर 40 मिनट तक।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Written By

Shyam Nandan

First published on: Oct 13, 2024 08:45 AM

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