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मार्च की अंतिम एकादशी पापमोचनी पर इस खास भोग से करें भगवान विष्णु को प्रसन्न!

चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को पापमोचनी एकादशी के नाम से जानते हैं। यह हिंदू नववर्ष की पहली एकादशी होती है। माना जाता है कि इस एकादशी पर पूजन करने से जन्म-जन्मांतरों के पाप नष्ट हो जाते हैं। इसके साथ ही इस दिन कुछ खास चीजों का भोग भगवान विष्णु को अर्पित करना चाहिए।

Author Edited By : Mohit Updated: Mar 19, 2025 19:07
lord vishnu
पापमोचनी एकादशी

हिंदू धर्म में एकादशी को काफी महत्वपूर्ण तिथि माना जाता है। इस दिन भगवान श्रीहरिविष्णु और माता लक्ष्मी का पूजन करने से हर मनोकामना पूरी होती है। चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को पापमोचनी एकदशी के नाम से जाना जाता है। यह हिंदू नववर्ष की पहली एकादशी है।

शास्त्रों के मुताबिक पापमोचनी एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति के सभी पापों का नाश हो जाता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन व्रत रखने से भी सारी मनोकामनाएं भी पूरी हो जाती हैं। इस दिन कुछ खास चीजों का भोग भगवान विष्णु को जरूर लगाना चाहिए।

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कब है पापमोचनी एकादशी?

हिंदू पंचांग के अनुसार 25 मार्च 2025 की सुबह 5 बजकर 5 मिनट पर एकादशी तिथि प्रारंभ होगी। यह 26 मार्च 2025 को सुबह 3 बजकर 45 मिनट पर समाप्त होगी। उदयातिथि के अनुसार एकादशी व्रत को 25 मार्च को ही रखना शुभ रहेगा।

ऐसे करें पूजन

एकादशी के एक दिन पहले से ही सात्विक भोजन करना शुरू कर दें। इसके साथ ही मन, कर्म, वाणी से पवित्र रहें। सुबह ब्रह्ममुहूर्त में स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहनें। इसके बाद व्रत का संकल्प लें। इस दौरान भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का ध्यान करें। ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः’ मंत्र का जाप करे।

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भगवान विष्णु को लगाएं इन चीजों का भोग

भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर को पीले और माता लक्ष्मी को लाल वस्त्र अर्पित करें। इसके बाद भगवान विष्णु को गंगा जल, दूध, दही, शहद, घी और पंचामृत स्नान कराएं। पीले फूल और तुलसीदल व फल अर्पित करें। केसर वाली खीर, पंजीरी का भोग भगवान विष्णु को जरूर अर्पित करें। इस दिन भगवान विष्णु को खास भोगों में आप कद्दू की मिठाई या हलवा अर्पित करें। इसके साथ ही चने की दाल और गुड़ का हलवा भी इस दिन का खास भोग माना जाता है। पूजा के समय भगवान के सामने दीपक अवश्य जलाएं और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।

ऐसे करें व्रत का पारण

पापमोचनी एकादशी का पारण 26 मार्च 2025 को किया जाएगा। 26 मार्च की दोपहर 1 बजकर 41 मिनट से शाम 4 बजकर 8 मिनट तक व्रत पारण का शुभ मुहूर्त रहेगा। पारण के दिन हरिवासर समाप्त होने का समय सुबह 9 बजकर 14 मिनट है। एकादशी का पारण हमेशा द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले करना चाहिए।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Edited By

Mohit

First published on: Mar 19, 2025 07:07 PM

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