Apne Apne Ram: रामकथा मर्मज्ञ डॉ कुमार विश्वास ने ताजनगरी आगरा में आयोजित ‘अपने-अपने राम’ कार्यक्रम में राम कथा के मार्मिक प्रसंगों से राम रसिकों और श्रोताओ को भाव विभोर कर दिया। डॉ विश्वास ने कथा के दौरान कहा कि वाम पथ पर जाती हुई युवा पीढ़ी को राम पथ पर ला सकूं, ‘अपने-अपने राम’ की इस श्रृंखला से यही प्रयास-यही प्रार्थना है। जय जय सियाराम की गूंज के बीच अपने-अपने राम की मधुर स्वर लहरी ने मन प्राणों को रोमांचित कर दिया। अपने वक्तव्य ने उन्होंने AI तकनीक को ‘माया’ का रूप कहा। उन्होंने कहा कि एआई को पर्सनल लस्ट के लिए प्रयोग करने विनाश होगा।
राम केवट मैत्री की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे परिवारों में मैत्री समाप्त हो रही है। हमारे मित्र आर्थिक स्थितियों से बदल रहे हैं। लोग मित्रों को भूल जाते हैं। कितने भी बड़े हो जाना, कभी अपने मित्रों को मत भूलना। जिस तरह सुदामा के बिना द्वारिका सूनी है, इसी तरह अगर आपका अयोध्या में राज्याभिषेक हो और उस समय आपका मित्र केवट नहीं आए तो अयोध्या सूनी है।\
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साधनों के भोग से शांति नहीं मिलती
भूमि से उत्पन्न माता सीता के प्रसंग में उन्होंने श्रम का महत्व समझाते हुए कहा कि एक राजा ने अपनी जनता को अकाल से पीड़ित देखा तो खुद हल चलाने लगे। उनको सीता तब मिलीं जब वह हल चला रहे थे, श्रम कर रहे थे। आज पश्चिम ने श्रम का महत्व जीरो कर दिया है। हम लोग पत्नी, बच्चों, सेवकों पर चिल्लाते हैं क्योंकि हमारे जीवन से श्रम की उपादेयता कम करने का उपक्रम किया गया। हमने श्रम को समाप्त कर दिया। हमने राम सुने होते तो समझ में आता कि उन्होंने खुद पंचवटी में अपनी कुटिया खड़ी की थी। साधनों के भोग से शांति नहीं मिलती। इसीलिए सत्यमेव जयते के साथ श्रम एव जयते का नारा भी अब हमें बुलंद करना चाहिए।
आज पूरी पीढ़ी एंग्जायटी की शिकार है
उन्होंने युवाओं से रूबरू होते हुए कहा कि आज पूरी पीढ़ी एंग्जायटी की शिकार है। हर कोई जल्दी पाना चाहता है। आज के युवा को स्वयं पर भरोसा नहीं है। उसकी आस्तिकता समाप्त हो रही है। आईआईटी में सेलेक्ट नहीं हुए तो आज के युवा आत्महत्या कर लेते हैं। अगर आज के युवा पांच दिन अपने-अपने राम सुन लें तो आत्महत्या करना भूल जाएंगे। उन्होंने कहा कि हम अपने-अपने राम के माध्यम से जिस विश्वविद्यालय को बनाने का प्रयास कर रहे हैं, वहां से निकले विद्यार्थी का तन, मन और आत्मा ऑर्गेनिक होगी। मेरा यही प्रयास और यही प्रभु राम से प्रार्थना है कि मैं वाम पथ पर जाती हुई युवा पीढ़ी को राम पथ पर ला सकूं।
रावण मायावी है तो राम हैं मायापति
उन्होंने बेटियों को समझाया कि जो बच्चियाँ अपने पिता से सब कुछ कह सकती हैं, उनका जीवन में कोई दुरुपयोग नहीं कर सकता। पिताओं से कहा कि वह अपनी बेटियों के मित्र बनें। आपने उन्हें कंधा नहीं दिया तो कोई गैर सात्विक व्यक्ति उसे कंधा देगा। आपके घर की श्रद्धा किसी नीच पापी के सूटकेस में 36 टुकड़े होकर आपको मिलेगी।
गौतम ऋषि और अहिल्या के प्रसंग में उन्होंने बताया कि इंद्र आज की एआई तकनीक के सहारे ही गौतम ऋषि का मायावी रूप धर के अहिल्या से मिलने पहुंचे। एआई तकनीक ‘माया’ है। रावण मायावी है तो श्रीराम मायापति हैं। आप मायावी नहीं, माया पति बनिए। एआई को पर्सनल लस्ट के लिए प्रयोग करोगे तो विश्व का नाश होगा और अगर विश्व मंगल के लिए प्रयोग करोगे तो भारत विश्व गुरु बनेगा।
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