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Kartik Purnima 2025: कल है कार्तिक पूर्णिमा का व्रत, जानें महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

Kartik Purnima 2025: हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का खास महत्व होता है. पूर्णिमा पर गंगा स्नान का महत्व होता है. इस दिन स्नान-दान करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है. कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि 05 नवंबर 2025 को मनाई जाएगी. चलिए कार्तिक माह की पूर्णिमा की पूजा-विधि और शुभ मुहूर्त के बारे में जानते हैं.

Author Written By: Aman Maheshwari Author Published By : Aman Maheshwari Updated: Nov 4, 2025 16:35
Kartik Purnima 2025

Kartik Purnima 2025: कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान दान का काफी महत्व होता है. कार्तिक पूर्णिमा का व्रत कल यानी 5 नवंबर 2025 को रखा जाएगा. पूर्णिमा तिथि के व्रत का खास महत्व होता है. यह महीना भगवान विष्णु की पूजा के लिए खास होता है. चलिए आपको कार्तिक पूर्णिमा व्रत के पूजा मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व के बारे में बताते हैं. कार्तिक पूर्णिमा तिथि 4 नवंबर को रात 11 बजकर 36 मिनट से शुरू होकर 5 नवंबर शाम को 6 बजकर 48 मिनट पर समापन होगा. बता दें कि, कार्तिक माह की पूर्णिमा को देव दीपावली, गंगा स्नान, दीपदान और पुष्कर मेला भी होता है. इस दिन गुरु नानक जयंती भी मनाई जाती है.

कार्तिक पूर्णिमा शुभ मुहूर्त

ब्रह्म मुहूर्त- सुबह में 04:52 से 05:44
प्रातः सन्ध्या- सुबह में 05:18 से 06:36
अभिजित मुहूर्त- नहीं है
विजय मुहूर्त- दोपहर में 01:54 से 02:38
गोधूलि मुहूर्त- शाम में 05:33 से 05:59
सायाह्न सन्ध्या- शाम में 05:33 से 06:51
निशिता मुहूर्त- रात 11:39 से सुबह 12:31

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कार्तिक पूर्णिमा पूजा विधि

कार्तिक पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिए. ब्रह्म मुहूर्त में उठने के बाद स्नान करें. यदि संभव हो तो कार्तिक माह की पूर्णिमा पर गंगा स्नान करें. आप घर पर पानी में गंगाजल डालकर स्नान कर सकते हैं. घर में और पूजा स्थल पर गंगाजल छिड़कर शुद्ध करें. आप भगवान विष्णु मां लक्ष्मी और गणेश जी की प्रतिमा स्थापित कर पूजा करें. इस दिन सत्यनारायण की कथा का पाठ करें. शाम के समय दीपदान कर आरती अवश्य करें.

कार्तिक पूर्णिमा का महत्व

कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है और दान-पुण्य से आपके ऊपर सदा ईश्वर की कृपा रहती है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान शिव की पूजा से भोलेनाथ का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

कार्तिक पूर्णिमा मंत्र

“ॐ ह्री श्रीं क्रीं श्रीं क्रीं क्लीं श्रीं महालक्ष्मी मम गृहे धनं पूरय पूरय चिंतायै दूरय दूरय स्वाहा”

“ॐ नमो नारायणाय”

“ॐ नमो भगवते वासुदेवाय”

“ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात्”

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है और केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.

First published on: Nov 04, 2025 04:35 PM

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