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Kaalchakra: 2025 में रूठी हुई मां लक्ष्मी को 2026 में कैसे मनाएं? पंडित सुरेश पांडेय से जानें सौभाग्य और धन प्राप्ति के अचूक उपाय

Kaalchakra: यदि 2025 आपके लिए आर्थिक परेशानियों से भरा रहा है और आपको लगता है कि मां लक्ष्मी रूठ गई हैं, तो चिंता न करें, क्योंकि मां कभी किसी को स्थायी रूप से नहीं छोड़तीं, बल्कि संकेत देती हैं. आइए पंडित सुरेश पांडेय से जानते हैं, मां लक्ष्मी कब रूठती हैं, उन्हें प्रसन्न करने के लिए कौन-सी साधना सबसे प्रभावी है, 2026 में कौन-से शुभ मुहूर्त और कौन-से नियम आपकी किस्मत पलट सकते हैं?

Author Written By: Shyamnandan Author Published By : Shyamnandan Updated: Nov 19, 2025 11:25
Kaalchakra

Kaalchakra: यदि 2025 आपके लिए आर्थिक चुनौतियों, अस्थिर आय, बिगड़े बजट या लगातार धन की कमी वाला साल रहा है, तो निराश न हों. यदि आप यह मानते हैं कि मां लक्ष्मी आपसे रूठी हैं, तो बता दें कि मां लक्ष्मी कभी भी स्थायी रूप से किसी को नहीं छोड़तीं, वे केवल संकेत देती हैं कि अपने जीवन, आचरण और सोच में परिवर्तन लाने का समय आ गया है. 2026 में सही मुहूर्त, सही नियम और सकारात्मक कर्म अपनाकर आप सौभाग्य और समृद्धि दोनों पा सकते हैं. आइए पंडित सुरेश पांडेय से जानते हां, मां लक्ष्मी की आराधना से जीवन में सुख-धन की स्थायी राह कैसे खोल सकते हैं?

मां लक्ष्मी क्यों रूठ जाती हैं?

मां लक्ष्मी स्थिरता की देवी हैं, और स्थिर मन वाले व्यक्ति को ही अपनी कृपा देती हैं. ज्योतिषीय मान्यता कहती है कि लालच, क्रोध, असत्य और अव्यवस्था मां लक्ष्मी की कृपा को दूर कर देते हैं.
यदि घर में लड़ाई, अव्यवस्थित वस्त्र, बिखरा हुआ धन या नकारात्मक ऊर्जा हो, तो धन टिकता नहीं. इसलिए लक्ष्मी साधना का पहला नियम है: मन और घर दोनों को साफ रखना. जहां स्वच्छता, ईमानदारी और संतोष होता है, वहां लक्ष्मी अपने आप टिक जाती हैं.

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2026 में लक्ष्मी साधना के शुभ मुहूर्त

सनातन परंपरा में मुहूर्त को बेहद महत्व दिया गया है. मां लक्ष्मी की उपासना हर तिथि पर फलदायी नहीं होती, लेकिन कुछ दिन बेहद शुभ माने जाते हैं. 2026 में महालक्ष्मी की कृपा पाने के लिए द्वितीया, तृतीया, पंचमी, सप्तमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, चतुर्दशी और पूर्णिमा को विशेष फलदायी माना गया है. इन तिथियों पर की गई साधना मनोकामनाओं को पूरा करती है, धन वृद्धि में सहायक होती है और मानसिक शांति भी प्रदान करती है.

2026 में लक्ष्मी पूजा के श्रेष्ठ दिन

सप्ताह के कुछ वार लक्ष्मी आराधना के लिए अत्यंत शक्तिशाली माने जाते हैं. सोमवार, बुधवार, गुरुवार और विशेष रूप से शुक्रवार को लक्ष्मी साधना करने से तुरंत और दीर्घकालिक लाभ मिलता है. शुक्रवार को लक्ष्मी का दिन माना गया है, इसलिए साधना की शुरुआत इसी दिन करना सबसे शुभ माना जाता है. रविवार, मंगलवार और शनिवार को लक्ष्मी साधना शुरू करना वर्जित है, क्योंकि ये दिन ग्रहों की प्रकृति के अनुसार स्थिर धन के लिए अनुकूल नहीं माने जाते.

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2026 के दो सबसे शक्तिशाली महीने

लक्ष्मी कृपा पाने के लिए 2026 में वैशाख और आश्विन मास सर्वोत्तम रहेंगे. इन महीनों में की गई साधना शीघ्र फल देने वाली मानी जाती है. इसी के साथ कार्तिक और मार्गशीर्ष लक्ष्मी मंत्र साधना के लिए श्रेष्ठ माने गए हैं. यदि इन महीनों में शुभ तिथि और वार एक साथ मिल जाएं, तो साधना अत्यंत फलदायी होती है.

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लक्ष्मी कृपा का सबसे प्रभावी उपाय

पंडित सुरेश पांडेय जी बताते हैं कि लक्ष्मी साधना का सबसे गहरा रहस्य है- कर्म और संबंधों की शुद्धता. यह उपाय जितना सरल है, उतना ही शक्तिशाली भी. साथ ही यदि नीचे दी गई बातों पर अमल कर लें, तो बिना पूजा-पाठ के भी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त हो सकती है.

नारी का सम्मान: नारी का सम्मान करें. जहां स्त्री का आदर होता है, वहां लक्ष्मी स्थायी रूप से वास करती हैं.
प्रेम-व्यवहार: परिवार में प्रेम रखें. भाई-भाई में प्रेम, पिता के प्रति सम्मान और बच्चों के प्रति करुणा, ये तीन गुण दरिद्रता को दूर रखते हैं.
वैर-द्वेष का त्याग: समाज से वैर न रखें. द्वेष ऊर्जा को रोकता है, और जहां नकारात्मक ऊर्जा हो, वहां धन अग्नि की तरह जल जाता है.

लक्ष्मी साधना की सरल और प्रभावी विधि

पंडित सुरेश पांडेय जी बताते हैं कि साधना का सार ध्यान है. 2026 में यह ध्यान विधि सबसे उत्तम मानी गई है: हृदय में एक सुंदर, स्वच्छ कमल का ध्यान करें. उसी कमल पर दिव्य तेज से युक्त मां महालक्ष्मी को विराजमान देखें. मन ही मन उनका मंत्र जप करें. यह मानसी पूजा जीवन में सम्मान, धन और अच्छे विचार लाती है.

करें ये भी उपाय

कमल बीज की माला: शुक्रवार को लक्ष्मी मंत्र का जाप कमल गट्टे की माला से करें. यह अत्यंत प्रिय है.
शुक्रवार का दान: सफेद वस्तुएं, दूध, मिश्री, चावल आदि दान करने से शुक्र मजबूत होता है और सुख-समृद्धि बढ़ती है.
तुलसी और दीपक: घर की उत्तर या पूर्व दिशा में तुलसी रखें और प्रतिदिन दीपक जलाएं. जहां तुलसी होती है, वहां विष्णु और लक्ष्मी दोनों का वास होता है.
घर का दक्षिण-पश्चिम कोना: यहां भारी सामान के साथ पूरी सफाई रखें. यह स्थान स्थिर धन का सूचक है.

पंडित सुरेश पांडेय बताते हैं कि यदि आप शुभ तिथियों, शुभ दिनों और सही नियमों का पालन करें, साथ ही व्यवहार में विनम्रता और स्वच्छता शामिल कर लें, तो 2026 आपके लिए सौभाग्य और समृद्धि का वर्ष बन सकता है. मां लक्ष्मी कृपा किसी मंत्र से ज्यादा व्यवहार, सद्भाव और सकारात्मक ऊर्जा से आकर्षित होती है. कालचक्र की यह वीडियो पूरी देखने के लिए यहां क्लिक करें.

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक और ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: Nov 19, 2025 11:22 AM

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