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Kaalchakra: पितृपक्ष के श्राद्ध भोज में क्या होना चाहिए और क्या नहीं? पंडित सुरेश पांडेय ने बताए खाने से जुड़े नियम

Kaalchakra Today: पितृपक्ष के पवित्र दिन चल रहे हैं, जिस दौरान पितरों व पूर्वजों को खुश करने के लिए पूजा की जाती है. साथ ही उन्हें उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाया जाता है, जिसे बनाने से लेकर अर्पित करने तक कई नियमों का पालन करना होता है. चलिए पंडित सुरेश पांडेय से जानते हैं पितृपक्ष के श्राद्ध भोज से जुड़े नियमों के बारे में.

Author Written By: Pandit Suresh Pandey Author Published By : Nidhi Jain Updated: Sep 16, 2025 10:33
Kaalchakra Today 16 September 2025
Credit- News24 Graphics

Kaalchakra Today 16 September 2025: सनातन धर्म के लोगों के लिए पितृपक्ष के हर एक दिन का खास महत्व है. पितृपक्ष कुल 15 दिन चलते हैं, जिस दौरान पितरों की आत्मा की शांति और पूर्वजों को खुश करने के लिए पूजा की जाती है. साथ ही उन्हें उनकी पसंद का खाना अर्पित किया जाता है. हालांकि श्राद्ध के खाने को बनाने से लेकर पितरों व पूर्वजों को अर्पित करने तक कई नियमों का पालन करना होता है. यदि व्यक्ति किसी एक नियम का भी पालन नहीं करता है तो उससे पाप लगता है. साथ ही पूजा भी विफल हो जाती है.

इस साल 7 सितंबर 2025 से पितृपक्ष का आरंभ हो गया है, जो 21 सितंबर 2025 तक चलेगा. आज के कालचक्र में प्रश्न कुंडली विशेषज्ञ पंडित सुरेश पांडेय आपको श्राद्ध के खाने से जुड़े जरूरी नियमों के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं.

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श्राद्ध के खाने में क्या होना चाहिए और क्या नहीं?

  • खीर को हविष्य अन्न यानी देवताओं का भोजन कहा गया है. अग्नि को खीर अर्पित करने से देवता और पितृ प्रसन्न होते हैं. इसके अलावा पितरों के भोजन में गाय के दूध से बनी खीर जरूर होनी चाहिए.
  • पितृपक्ष के भोजन में सात्विकता को बढ़ाने के लिए सेंधा नमक का इस्तेमाल करें. आयुर्वेद में सेंधा नमक को सबसे शुद्ध माना गया है क्योंकि इसमें किसी भी तरह के केमिकल का इस्तेमाल नहीं होता है. पितृपक्ष में आप नमक का दान भी कर सकते हैं. इससे दुर्भाग्य दूर होगा.
  • हर व्रत और त्योहार में सात्विक भोजन बनाने और खाने का विधान है. लहसुन और प्याज दोनों तामसिक भोज हैं, जिनका सेवन श्राद्ध में नहीं करना चाहिए. इनके सेवन से क्रोध बढ़ता है और एकाग्रता घटती है.
  • श्राद्ध के भोजन में जौ, मटर और सरसों का उपयोग करना श्रेष्ठ माना जाता है.
  • श्राद्ध के खाने में तिल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. दरअसल, तिल पिशाचों से श्राद्ध की रक्षा करते हैं.
  • श्राद्ध के खाने में बैंगन, अरबी, काली सरसों, बासी या खराब अन्न का प्रयोग नहीं करना चाहिए.
  • श्राद्ध के भोजन में तोरई, लौकी, सीताफल, भिंडी, आलू और कच्चे केले की सब्जी बना सकते हैं.

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श्राद्ध के खाने से जुड़े जरूरी नियम

  • श्राद्ध में बनने वाला खाना पितरों की पसंद का होना चाहिए.
  • खाना बनाते समय मुख दक्षिण दिशा की ओर नहीं होना चाहिए.
  • श्राद्ध में पत्तल का इस्तेमाल करना शुभ माना जाता है.
  • भोजन बनाते समय चप्पल नहीं पहननी चाहिए.

यदि आप श्राद्ध के खाने से जुड़े और जरूरी नियमों के बारे में जानना चाहते हैं तो उसके लिए ऊपर दिए गए वीडियो को देख सकते हैं.

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.

First published on: Sep 16, 2025 10:33 AM

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