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Kaalchakra Today: सावन में 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन से 12 राशियों को होगा लाभ! पंडित सुरेश पांडेय से जानें महत्व

Kaalchakra News24 Today: देश के अलग-अलग राज्यों में 12 ज्योतिर्लिंग मौजूद हैं, जिनका अपना महत्व और मान्यता है। आज के कालचक्र में पंडित सुरेश पांडेय आपको प्रत्येक ज्योतिर्लिंग की विशेषता और दर्शन करने के महत्व के बारे में विस्तार से बताएंगे।

Edited By : Nidhi Jain | Updated: Jul 28, 2024 10:23
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Kaalchakra News24 Today

Kaalchakra News24 Today, Pandit Suresh Pandey: सावन मास की शुरुआत 22 जुलाई से हो चुकी है, जिसका समापन अगले माह 19 अगस्त 2024 को होगा। इस दौरान भगवान शिव और शिवलिंग की उपासना करने से साधक को विशेष लाभ मिलता है। सावन के दौरान भोलेनाथ जी के मंदिरों और 12 ज्योतिर्लिंग में शिव भक्तों की अच्छी-खासी भीड़ देखने को मिलती है। देवी-देवताओं का आशीर्वाद पाने के लिए भक्त दूर-दूर से ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं।

धार्मिक मान्यता के अनुसार, प्रत्येक ज्योतिर्लिंग का अपना अलग महत्व है। कहा जाता है कि जो व्यक्ति नियमित रूप से 12 ज्योतिर्लिंग के नाम का जाप करता है या सावन के पवित्र मास में ज्योतिर्लिंग के दर्शन करता है, उसे भगवान शिव का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। आज के कालचक्र में पंडित सुरेश पांडेय आपको बताएंगे कि 12 ज्योतिर्लिंग कौन-कौन से हैं और कहां-कहां स्थित हैं। इसी के साथ आपको 12 ज्योतिर्लिंग के महत्व, दर्शन करने के नियम और लाभ के बारे में भी पता चलेगा।

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12 ज्योतिर्लिंग कहां-कहां स्थित हैं?

पौराणिक ग्रंथों में बताया गया है कि देश में जिन 12 जगह पर भगवान शिव ने स्वयं प्रकट होकर भक्तों को दर्शन दिया था। वहां पर मंदिर बनाए गए हैं, जिन्हें ज्योतिर्लिंग के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है कि आज भी भोलेनाथ जी इन 12 ज्योतिर्लिंग में निवास करते हैं।

  • गुजरात में सोमनाथ ज्योतिर्लिंग
  • झारखंड में वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग
  • नासिक में भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग
  • दारुकावन में नागेश्वर ज्योतिर्लिंग
  • तमिलनाडु में रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग
  • वाराणसी में विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग
  • औरंगाबाद में घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग
  • उत्तराखंड में केदारनाथ ज्योतिर्लिंग
  • गोदावरी तट पर त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग
  • शैल पर्वत पर मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग
  • क्षिप्रा नदी के समीप महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग
  • उज्जैन में ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग व अमलेश्वर ज्योतिर्लिंग

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12 ज्योतिर्लिंग का महत्व

  • सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने से साधक को धन-धान्य और जीवन का हर सुख मिलता है। साथ ही कुंडली में चंद्रमा का अशुभ प्रभाव कम होता है।
  • जो व्यक्ति सच्चे मन से ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन करता है, उसकी कुंडली में गुरु ग्रह की स्थिति मजबूत रहती है। कुंडली में गुरु बृहस्पति ग्रह के प्रबल होने से वैवाहिक जीवन में प्यार बना रहता है। घर में सदा सुख-शांति का वातावरण रहता है।
  • मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग को दक्षिण का कैलाश कहा जाता है। सावन में इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने से पापों से छुटकारा मिलता है। साथ ही संतान सुख, सौभाग्य और धन-दौलत की परेशानियों से छुटकारा मिलता है।
  • वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने से साधक को गंभीर से गंभीर बीमारी से मुक्ति मिल सकती है।
  • धार्मिक मान्यता के अनुसार, सावन में जो व्यक्ति रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग की उपासना करता है, उसे अपने पापों से मुक्ति मिल सकती है। साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है।
  • भीमशंकर ज्योतिर्लिंग के विधिपूर्वक दर्शन करने से कुंडली में मंगल ग्रह की स्थिति मजबूत होती है, जिससे मांगलिक दोष का नकारात्मक प्रभाव कम होता है। कुंडली में विवाह का योग बनने लगता है और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।

अन्य ज्योतिर्लिंग के महत्व और दर्शन करने के लाभ के बारे में जानने के लिए ये वीडियो जरूर देखें।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक और ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Written By

Nidhi Jain

First published on: Jul 28, 2024 10:23 AM

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