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Kaal Bhairav Jayanti 2025: काल भैरव जयंती पर ऐसे करें पूजा, मिलेगा अपार धन और सुरक्षा का आशीर्वाद

Kaal Bhairav Jayanti 2025: काल भैरव जयंती केवल पूजा का दिन नहीं, बल्कि आत्मबल, समृद्धि और सुरक्षा का उत्सव है. इस साल यह जयंती बुधवार 12 नवंबर को मनाया जाएगा. आइए जानते हैं, इस दिन भगवान काल भैरव की पूजा कैसे करें, ताकि धन और सुरक्षा का वरदान मिले.

Author Written By: Shyamnandan Updated: Nov 10, 2025 14:36
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Kaal Bhairav Jayanti 2025: हिंदू धर्म में भगवान काल भैरव को समय के रक्षक और संकटों के विनाशक के रूप में पूजा जाता है. मान्यता है कि भगवान शिव ने स्वयं काल भैरव रूप में अवतार लेकर अधर्म का नाश किया था. इसलिए हर साल मार्गशीर्ष यानी अगहन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को काल भैरव जयंती के रूप में मनाया जाता है. इस वर्ष यह शुभ पर्व 12 नवंबर 2025, बुधवार को मनाया जाएगा.

काल भैरव जयंती 2025 शुभ मुहूर्त

कालभैरव की पूजा प्रायः निशिता काल यानी मध्यरात्रि में की जाती है, क्योंकि यह समय अत्यंत शुभ और फलदायी माना गया है. हालांकि भक्त अपनी सुविधा अनुसार दिन में भी पूजन कर सकते हैं. मुख्य शुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं:

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  • सुबह: 10:48 बजे से दोपहर 12:10 बजे तक
  • दोपहर: 02:55 बजे से शाम 04:17 बजे तक
  • शाम: 04:17 बजे से 05:39 बजे तक
  • निशिता काल: रात 12:10 बजे से 01:50 बजे तक

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इस विधि से करें काल भैरव की पूजा

  • संकल्प करें: स्नान के बाद हाथ में जल, चावल और फूल लेकर व्रत का संकल्प लें. दिनभर संयम और पवित्रता बनाए रखें.
  • पूजा की तैयारी: शुभ मुहूर्त में घर के पवित्र स्थान पर लाल कपड़ा बिछाकर चौकी पर भगवान काल भैरव की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें.
  • पूजन सामग्री अर्पित करें: फूल, चावल, अबीर, रोली, सरसों तेल का दीपक, नारियल, मिठाई, पान और मदिरा अर्पित करें.
  • मंत्र जाप करें: पूजा के दौरान मन ही मन ‘ॐ कालभैरवाय नमः’ मंत्र का जप करते रहें.
  • आरती और पाठ: पूजन के बाद ‘जय भैरव देवा’ आरती करें और संभव हो तो ‘बटुक भैरव कवच’ का पाठ करें.
  • दान-पुण्य करें: पूजा के बाद गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन या वस्त्र दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है.

काल भैरव पूजा का महात्म्य

शास्त्रों के अनुसार, जो व्यक्ति सच्चे मन से भगवान काल भैरव की आराधना करता है, उसे अपार धन, यश और सुरक्षा प्राप्त होती है. जीवन की बाधाएँ दूर होती हैं, भय समाप्त होता है और सफलता का मार्ग प्रशस्त होता है.

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ये भी करें

  • इस दिन वाहन की चाबी या व्यापार की तिजोरी पर भैरवजी का तिलक लगाना शुभ होता है.
  • कुत्तों को भोजन कराना काल भैरव की विशेष कृपा दिलाता है, क्योंकि कुत्ता उनका वाहन माना गया है.
  • मंदिर में सरसों तेल का दीपक जलाने से नकारात्मक शक्तियाँ दूर होती हैं.

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है और केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.

First published on: Nov 10, 2025 02:36 PM

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