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Kaal Bhairav Jayanti 2025: इन 5 चीजों के भोग से प्रसन्न होते हैं कालभैरव, बनते हैं बिगड़े काम; मिलती है कर्ज से मुक्ति

Kaal Bhairav Jayanti 2025: हिन्दू धर्म में कालभैरव जयंती सिर्फ एक धार्मिक दिन नहीं, बल्कि न्याय, साहस और शक्ति की आराधना का पर्व है. यह इस साल 12 नवंबर, 2025 को मनाई जाएगी. आइए जानते हैं, किन चीजों का भोग लगाने से प्रसन्न होते हैं भगवान काल भैरव?

Author Written By: Shyamnandan Author Published By : Shyamnandan Updated: Nov 9, 2025 13:33
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Kaal Bhairav Jayanti 2025: कालभैरव जयंती हर साल मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है. यह दिन भगवान शिव के उग्र रूप ‘कालभैरव’ को समर्पित है. मान्यता है कि इस दिन जो भक्त सच्चे मन से भगवान कालभैरव की पूजा करते हैं, उनके जीवन से भय, कर्ज और दुर्भाग्य दूर हो जाते हैं. यह जयंती 2025 का पर्व इस वर्ष 12 नवंबर, बुधवार को मनाई जाएगी. आइए जानते हैं, भगवान काल भैरव की प्रिय वस्तुएं क्या हैं और किन चीजों का भोग लगाने से वे प्रसन्न होते हैं ?

भगवान कालभैरव कौन हैं?

भगवान कालभैरव, भगवान शिव के रौद्र रूप हैं. वे समय, मृत्यु, न्याय और दुष्ट शक्तियों के नियंत्रण के देवता माने जाते हैं. कहते हैं, जब ब्रह्मा जी ने अहंकारवश शिव का अपमान किया, तब शिव के क्रोध से कालभैरव प्रकट हुए और उन्होंने ब्रह्मा के पांचवे सिर का अंत किया. इसी कारण उन्हें ‘संहारक’, ‘काल के स्वामी’ और ‘अपराधों के दंडदाता’ कहा जाता है. उनकी सवारी काला कुत्ता है, इसे संस्कृत में ‘श्वान’ कहते हैं, जो वफादारी और सतर्कता का प्रती है.

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कालभैरव जयंती का महत्व

यह दिन केवल पूजा का नहीं, बल्कि आत्मिक शुद्धि और नकारात्मक ऊर्जाओं से मुक्ति का प्रतीक है. कहते हैं, इस दिन भगवान कालभैरव की आराधना करने से जीवन के हर संकट, कर्ज और शत्रु बाधा का अंत होता है. भगवान कालभैरव को विशेष रूप से शनि दोष, भय, और तंत्र संबंधी कष्टों से मुक्ति देने वाला देवता माना गया है. भैरव मंदिर में इस दिन दीपक, काला तिल, कुत्तों को भोजन और शराब का भोग विशेष रूप से चढ़ाया जाता है.

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भगवान कालभैरव को चढ़ाएं ये 5 विशेष भोग

इमरती का भोग: भगवान कालभैरव को इमरती अत्यंत प्रिय है. मान्यता है कि इमरती का भोग लगाने से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है. यह मिठाई अग्नि तत्व का प्रतीक मानी जाती है, जो नकारात्मकता को नष्ट करती है.

दही-बड़े: दही-बड़े को तामसिक आहार माना गया है, जो कालभैरव की उग्र ऊर्जा को शांत करता है. कहते हैं, इस भोग से जीवन में, शक्ति, संतुलन और स्थिरता आती है.

उड़द दाल की खिचड़ी: उड़द दाल शिव पूजा में अत्यंत शुभ मानी गई है. कालभैरव जयंती पर उड़द की खिचड़ी का भोग लगाने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और अटके और रुके कार्यों में सफलता मिलती है.

काले तिल से बनी चीजें: काले तिल से बनी गजक, रेवड़ी या तिल लड्डू चढ़ाना अत्यंत शुभ माना जाता है. यह उपाय शनि ग्रह से जुड़े कष्टों को दूर करता है और सौभाग्य लाता है.

शराब का भोग: भगवान कालभैरव को मदिरा (शराब) का भोग चढ़ाना प्राचीन परंपरा है. यह कालभैरव की सबसे लोकप्रिय भोग है. यह किसी भोग-विलास के लिए नहीं, बल्कि आध्यात्मिक समर्पण और निर्भयता के प्रतीक के रूप में किया जाता है. कहते हैं, इससे कर्ज, भय और अंधकारमय समय का अंत होता है.

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है और केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.

First published on: Nov 09, 2025 01:33 PM

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