Somvati Amavasya: साल 2025 के ज्येष्ठ माह की अमावस्या 26 मई 2025, सोमवार को पड़ेगी। चूंकि यह अमावस्या सोमवार के दिन पड़ रही है, इसलिए इसे सोमवती अमावस्या कहते हैं। हिन्दू धर्म में सोमवार का दिन और अमावस्या तिथि का सीधा संबंध चंद्रमा से है, इसलिए सोमवती अमावस्या का महत्व काफी अधिक माना जाता है। इस दिन विशेष रूप से पवित्र नदियों में स्नान, दान और पितृ तर्पण का खास महत्व है।
पंचांग के अनुसार, सोमवार 26 मई को अमावस्या तिथि की शुरुआत दोपहर में 12:11 PM बजे से होगी और इसका समापन 29 मई को 08:31 AM बजे तक हो जाएगा। यह दिन हिन्दू धर्म में पितृ दोष शांति, संतान प्राप्ति, धन लाभ और वैवाहिक जीवन की समस्याओं के समाधान और उपाय के लिए बेहद खास माना गया है।
सोमवती अमावस्या के दिन पितृ दोष के उपाय
ज्येष्ठ माह की 26 मई 2025 की सोमवती अमावस्या बहुत ही विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन किए गए उपायों से तुरंत लाभ प्राप्त होता है। यहां 3 अत्यंत प्रभावी, यूनिक और आसान उपाय बताए गए हैं, जो सिद्ध माने गए हैं।
पितृ ऋण से मुक्ति
सोमवती अमावस्या के दिन स्नान के बाद किसी पवित्र नदी, तालाब या घर पर ही कुशा की आसन बिछाएं। तांबे के पात्र में गंगाजल, दूध, शहद और काले तिल मिलाकर ‘ॐ पितृ देवताभ्यो नमः’ मंत्र बोलते हुए पितरों को अर्पित करें। फिर 7 बार ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ बोलकर चावल और फूल अर्पित करें। यह बहुत ही प्रभावी उपाय है, जिससे पितृ ऋण से मुक्ति, आकस्मिक धन लाभ, कर्ज और संकटों का निवारण होता है।
आर्थिक नुकसान से बचाव के उपाय
जिन्हें आर्थिक तंगी या बिजनेस में नुकसान हो रहा हो, उनके लिए उपाय काफी लाभकारी है। इस उपाय के तहत सफेद कपड़े पर हल्दी से स्वस्तिक बनाएं और उस पर कुबेर यंत्र रखें। यंत्र के चारों कोनों पर लौंग और सुपारी रखकर “ॐ श्रीं कुबेराय नमः” 108 बार जपें। फिर इसे तिजोरी या लॉकर में रख दें। माना जाता है कि इस उपाय धन का अचानक आमद होती है, नौकरी और व्यापार में प्रमोशन और आने लाभ होते हैं।
वैवाहिक जीवन की बाधाओं के उपाय
जिन दंपतियों को संतान न हो या वैवाहिक जीवन में कलह हो, उनके लिए यह उपाय काफी लाभकारी माना गया है। इस उपाय के तहत अमावस्या तिथि के दिन एक वृक्ष के नीचे “ॐ प्रजापतये नमः” मंत्र बोलते हुए जड़ से थोड़ी मिट्टी लें। फिर इसे लाल कपड़े में बांधकर घर लाकर पूजा स्थान पर रखें। शाम को इस मिट्टी को दूध और गुड़ मिलाकर वट वृक्ष की जड़ में वापस चढ़ा दें। माना जाता है कि 7 सोमवती अमावस्या तक यह उपाय करने सभी पितृ दोष दूर हो जाते हैं। इसके साथ ही वैवाहिक जीवन की सभी प्रकार की बाधाएं और कलह खत्म होने लगते हैं और संतान सुख प्राप्त करने में सहायता मिलती है।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।