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Religion

kalashtami 2025: ज्येष्ठ माह की कालाष्टमी कब? जानें काल भैरव को खुश करने के 3 अचूक उपाय

प्रत्येक माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी का पर्व मनाया जाता है, जिस दिन भगवान शिव के उग्र रूप काल भैरव की पूजा की जाती है। इस साल ज्येष्ठ माह में 20 मई 2025 को कालाष्टमी मनाई जाएगी। चलिए जानते हैं कालाष्टमी पर भगवान काल भैरव को प्रसन्न करने के तीन अचूक उपायों के बारे में।

Author Edited By : Nidhi Jain Updated: May 17, 2025 16:00
Kalashtami 2025

ज्येष्ठ का महीना चल रहा है, जिस दौरान आने वाले व्रत-त्योहार पर पूजा-पाठ करने से साधक को विशेष फल की प्राप्ति होती है। वैदिक पंचांग की गणना के अनुसार, हर साल ज्येष्ठ माह ही कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी का पर्व मनाया जाता है। ये दिन भगवान शिव के उग्र रूप काल भैरव को समर्पित है। इस दिन काल भैरव की पूजा करने से साधक को भय, नकारात्मक ऊर्जा और क्रोध आदि से मुक्ति मिलती है।

माना जाता है कि जो लोग सच्चे मन से कालाष्टमी पर कालभैरव की पूजा करते हैं, उन्हें विभिन्न समस्याओं से मुक्ति मिलती है और उनके घर-परिवार में खुशियां बनी रहती हैं। चलिए अब जानते हैं कालाष्टमी के दिन करने वाले तीन प्रभावशाली उपायों के बारे में।

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कालाष्टमी की पूजा का शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग की गणना के अनुसार, इस साल 20 मई 2025 को सुबह 5 बजकर 51 मिनट से ज्येष्ठ माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का आरंभ हो रहा है, जिसका समापन अगले दिन 21 मई 2025 को प्रात: काल 4 बजकर 55 मिनट पर होगा। उदया तिथि के आधार पर 20 मई 2025, वार मंगलवार को कालाष्टमी मनाई जाएगी।

इस दिन काल भैरव की पूजा का अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 56 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 49 मिनट तक है। जबकि ब्रह्म मुहूर्त प्रात: काल में 04 बजकर 11 मिनट से लेकर 04 बजकर 59 मिनट तक है।

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कालाष्टमी की पूजा विधि

  • ब्रह्म मुहूर्त में उठें। स्नान आदि कार्य करने के बाद काले या नीले रंग के कपड़े धारण करें।
  • पूजा स्थल की गंगाजल से सफाई करने के बाद एक चौकी रखें। चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं और उस पर भगवान शिव की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
  • हाथ जोड़कर व्रत का संकल्प लें।
  • देवता को सफेद चंदन, फल और मिठाई अर्पित करें।
  • आरती करके पूजा का समापन करें।

कालाष्टमी के अचूक उपाय

  • कालाष्टमी के दिन काल भैरव जी की मूर्ति के सामने सरसों के तेल का दीपक (मिट्टी) जलाएं। इस दौरान ‘ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ’ मंत्र का दो बार जाप करें। इससे आपकी खुशियों में इजाफा होगा और जीवन में सुख-शांति बनी रहेगी।
  • यदि आपके जीवन में बार-बार परेशानियां आ रही हैं तो इस शुभ दिन सरसों के तेल में बनी रोटी काले कुत्ते को खिलाएं। इससे आपकी परेशानियां कम होंगी और घर में खुशियों का आगमन होगा।
  • कालाष्टमी पर काल भैरव को चूरमा (रोटी और चीनी) का भोग लगाना शुभ होता है। इससे आपके दुख-दर्द कम होंगे और परिवार में खुशियां बढ़ेंगी।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: May 17, 2025 03:23 PM

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