Jagannath Rath Yatra 2025 LIVE: रथ यात्रा 2025 का शेड्यूल: तिथि अनुसार पूरा कार्यक्रम
27 जून 2025: जल्द आरंभ होगी रथ यात्रा
आज भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा तीन भव्य रथों पर सवार होकर श्रीमंदिर से गुंडिचा मंदिर के लिए प्रस्थान करते हैं। इस दिन का मुख्य आकर्षण होता है ‘छेरा पन्हारा’ अनुष्ठान, जिसमें पुरी के गजपति राजा सोने की झाड़ू से रथ मार्ग की सफाई करते हैं। यह सेवा और समर्पण का प्रतीक है। रथ यात्रा 2025 का शेड्यूल इस प्रकार है:
1 जुलाई 2025: हेरा पंचमी
भगवान जगन्नाथ के गुंडिचा मंदिर में पहुंचने के 5वे दिन देवी लक्ष्मी उनसे मिलने आती हैं। इस घटना को ‘हेरा पंचमी’ कहा जाता है।
4 जुलाई 2025: संध्या दर्शन
इस दिन गुंडिचा मंदिर में विशेष शाम के दर्शन होते हैं। भक्तजन इस शुभ संध्या को भगवान के सौम्य और दिव्य स्वरूप के दर्शन करके पुण्य लाभ प्राप्त करते हैं।
5 जुलाई 2025: बहुदा यात्रा
गुंडिचा मंदिर में 7 दिन प्रवास के बाद भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा बहुदा यात्रा यानी वापसी यात्रा पर निकलते हैं। रास्ते में वे अर्जुन मंदिर में मौसी मां रुकते हैं, जहाँ उन्हें 'पोडा पीठा' नामक विशेष व्यंजन का भोग लगाया जाता है।
6 जुलाई 2025: सुना बेशा रस्म
इस दिन भगवानों को सोने के गहनों और स्वर्ण-वस्त्रों से सुसज्जित किया जाता है। इसे 'सुना बेशा' कहा जाता है और इसे देखने के लिए हजारों भक्त पुरी में एकत्र होते हैं। यह दिन भगवान के राजसी स्वरूप को देखने का दुर्लभ अवसर प्रदान करता है।
7 जुलाई 2025: अधर पान रस्म
अधर पान एक विशेष रस्म है, जिसमें भगवानों को एक पारंपरिक पेय अर्पित किया जाता है। यह पेय मिट्टी के बड़े बर्तनों में दूध, पानी, चीनी, पनीर और मसालों के साथ तैयार किया जाता है, जो भगवान को शीतलता और विश्राम देने के उद्देश्य से चढ़ाया जाता है।
8 जुलाई 2025: नीलाद्रि विजय (समापन)
यह रथ यात्रा का अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण दिन होता है। इस दिन भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा श्रीमंदिर के गर्भगृह में पुनः विराजमान होते हैं। इसे ‘नीलाद्रि विजय’ कहा जाता है, जो उत्सव का समापन है और भक्तों के लिए दिव्य प्रसन्नता का अवसर।