राजस्थान के दौसा जिले में स्थित मेहंदीपुर बालाजी में आपको ऐसे कई लोग देखने को मिल जाएंगे, जो नकारात्मक शक्तियों से पीड़ित हैं। कई विद्वानों ने भी माना है कि हमारी दुनिया के अलावा भी एक दुनिया है, जहां व्यक्ति मृत्यु के बाद पहुंचता है। वहीं, जिनकी मृत्यु समय से पहले हो जाती है, वे प्रेत योनि में चले जाते हैं। जब तक उनको मुक्ति नहीं मिलती हैं तब तक वे इसी धरती पर विचरण करते हैं।
माना जाता है वे अपनी इच्छाओं की पूर्ति अन्य मनुष्यों के माध्यम से करने की कोशिश करते हैं। ऐसे में इनसे दूर रहना ही सही माना जाता है। इन नकारात्मक शक्तियों से बचने के लिए वैसे तो कई सारे उपाय बताए गए हैं, लेकिन अगर कोई व्यक्ति नियम से कुछ कार्यों को करता है तो उससे ये नकारात्मक शक्तियों कोसों दूर रहती हैं। आइए जानते हैं कि वे कौन से लोग हैं, जिनसे नकारात्मक शक्तियां कोसों दूर रहती हैं।
भगवान के भक्त
गरुड़ पुराण और विष्णु पुराण के अनुसार जो लोग भगवान की सच्ची भक्ति करते हैं, उनके आसपास नकारात्मक शक्तियां नहीं आतीं हैं।। भगवान विष्णु, शिव, हनुमान जी या मां दुर्गा की भक्ति करने वाले लोग हमेशा सकारात्मक ऊर्जा से घिरे रहते हैं। दरअसल भक्ति से मन और आत्मा में सकारात्मकता आती है। भगवान का नाम जपने से एक ऐसी आध्यात्मिक शक्ति बनती है, जो भूत-प्रेत जैसी नकारात्मक शक्तियों को दूर रखती है।
साफ-सुथरे और पवित्र लोग
शास्त्रों में स्वच्छता को बहुत महत्व दिया गया है। जो लोग अपने शरीर, मन, और घर को साफ रखते हैं, उनके पास भूत-प्रेत नहीं आते। गरुड़ पुराण के अनुसार जहां स्वच्छता और पवित्रता होती है, वहां देवी-देवता निवास करते हैं। भूत-प्रेत को गंदगी और नकारात्मकता पसंद होती है। साफ-सुथरा घर और शरीर सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है। रोज नहाना, घर में गंगाजल का छिड़काव, और दीया जलाना नकारात्मक शक्तियों को दूर रखता है।
साहसी और निडर लोग
भूत-प्रेत अधिकतर मानसिक रूप से कमजोर व्यक्ति को ही अपना शिकार बनाते हैं। निडर और साहसी लोगों पर इनका असर नहीं होता है। गरुड़ पुराण के अनुसार जहां साहस और सकारात्मकता होती है, वहां नकारात्मक शक्तियां टिक नहीं पाती हैं। भूत-प्रेत डर और कमजोरी का फायदा उठाते हैं। जो लोग डरते नहीं और आत्मविश्वास से भरे होते हैं, उनमें सकारात्मक ऊर्जा की अधिकता होती है और नकारात्मक ऊर्जा उनका कुछ भी नहीं कर पाती हैं।
धार्मिक और सात्विक जीवन जीने वाले
जो लोग सात्विक भोजन करते हैं, सच्चाई और धर्म के रास्ते पर चलते हैं, उनके पास भूत-प्रेत नहीं आते हैं। विष्णु पुराण और आयुर्वेद में सात्विक जीवन को सकारात्मकता का प्रतीक माना गया है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्रों पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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